अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करने वाली फर्जी अध्यापिका पहुंच गई जेल

लॉक डाउन के दौरान यह फर्जी शिक्षिका व्हाट्सएप्प पर इस्तीफा भेजकर अपने गांव भाग गई थी…

<p>अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करने वाली फर्जी अध्यापिका पहुंच गई जेल</p>
अंबेडकर नगर. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियो के आंखों में धूल झोंक कर कूटरचित अभिलेआखों के सहारे नाम बदलकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी करने वाली फर्जी अनामिका का असली नाम अनीता सिंह है, जो गिरफ्तार हो गई। इस गोरखधंधे की कलई खुलने के बाद यह फरार हो गई थी। अम्बेडकर नगर पुलिस ने इसे मैनपुरी जनपद से गिरफ्तार किया है और ऐसे ही कई जनपदों में जालसाजी करने वाले जालसाज पुष्पेंद्र को पुलिस तलास कर रही है।
महिला का असली नाम अनीता

अम्बेडकरनगर के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय रामनगर में तैनात अनामिका शुक्ला को जनपद पुलिस ने मैनपुरी जिले के थाना बेवर के लक्ष्मणपुर गांव से गिरफ्तार किया है। जांच में महिला का असली नाम अनीता सामने आया है। प्रदेश के 25 जनपदों में ऐसे ही फ्रॉड का मामला पकड़ा गया है। जिसमे शैक्षिक अभिलेख अनामिका शुक्ला के है और चेहरा बदल कर अलग अलग जनपदों नौकरी कराई जा रही थी। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 6 जून को आलापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद फर्जी शिक्षिका की गिरफ्तारी के लिए आलापुर पुलिस 2 दिनों से मैनपुरी जनपद में डेरा जमाए हुई थी। स्थानीय पुलिस की मदद से अनामिका शुक्ला के नाम से शिक्षण कार्य करा रही महिला को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार की गई महिला को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से ट्रांजिस्ट रिमांड मिलने के आधार पर जनपद पुलिस उसे यहाँ ले आई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुष्पेंद्र नाम का व्यक्ति 22 हजार रुपया प्रति माह अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जीअकाउंट में लेता था और 10 हजार रुपए अनीता को नगद देता था पुष्पेंद्र की तलाश की जा रही है।

इस्तीफा भेजकर भाग गई थी गांव

लॉक डाउन के दौरान यह फर्जी शिक्षिका व्हाट्सएप्प पर इस्तीफा भेजकर अपने गांव भाग गई थी। पुलिस इसके बेटे के विद्यालय में दर्ज पते के आधार पर इसका पता खोज निकाला। गिरफ्तार महिला अनीता के अनुसार उसने एम0 ए0 तक की पढ़ाई किया है। उसके पति का देहांत हो गया था मायके जाते समय पुष्पेंद्र नामक व्यक्ति उससे बस स्टैंड पर मिला था। उसी ने उसकी शिक्षिका के पद पर फर्जी तरीके से नौकरी दिलवाई थी। वेतन के नाम पर उसे केवल दस हजार रुपये दिये जाते थे। बच्चों को पालने के लिये ये नौकरी उसे मज़बूरी में करना पड़ रहा था।अनीता नामक महिला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रामनगर स्थित कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय में अनामिका शुक्ला के नाम पर बतौर शिक्षिका के पद पर कार्य कर रही थी।
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