कोरोना के तनाव को कम कर रहे अलवर के किले, वीकेंड पर महानगरों से आ रहे पर्यटक, विकसित हो रहा ट्यूरिज्म

अलवर के ऐतिहासिक इमारतों व किलो पर बने होटल महानगरों के पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है।

<p>कोरोना के तनाव को कम कर रहे अलवर के किले, वीकेंड पर महानगरों से आ रहे पर्यटक, विकसित हो रहा ट्यूरिज्म</p>
अलवर. कोरोना बीमारी ने पिछले 6 माह से लोगों को तनाव और परेशानी दी है। लोग घरों में घुटने लगे हैं और तरह-तरह की मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। कोरोना के संक्रमण के चलते घर पर आफिस का काम करने से लोग अपनी बोरियत मिटाने के लिए अलवर के किलों पर आकर रहने लगे हैं। अलवर के ऐतिहासिक इमारतों व किलो पर बने होटल महानगरों के पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है। अलवर जिले में किलो व ऐतिहासिक इमारतों पर कई बड़े होटल हैं जिनमें आगामी आने वाले दिनों में शादियों के लिए बुकिंग होने लगी है।
अलवर के तिजारा फोर्ट ,केसरोली फोर्ट, नीमराना फोर्ट सहित कई महलों में चलने वाले होटलों में बड़ी संख्या में पर्यटक आने लगे हैं। पर्यटक को अलवर शहर की हरी-भरी वादियां यहां के किले यहां के महल यहां की संस्कृति काफी पसंद आ रही है। अलवर में आने वाले पर्यटकों के लिए राजस्थानी लोक संगीत मनोरंजन का बड़ा साधन है। पर्यटक के आने के बाद अब राजस्थानी कलाकारों मैं भी उत्साह और उमंग है।
वीकेंड टूरिज्म हो रहा विकसित-

अलवर जिले में आने वाले ज्यादातर पर्यटक दिल्ली, जयपुर, गुरुग्राम, हरियाणा ,चंडीगढ़ आदि जगहों के ही होते हैं। सोमवार से शुक्रवार तक पर्यटकों की संख्या कम रहती है लेकिन शनिवार और रविवार को बड़ी संख्या में पर्यटक अलवर पहुंच रहे हैं।
बाला किला बफर जोन में रुझान-

अलवर जिले में आने वाले ज्यादातर पर्यटक अवसरअलवर में बाला किला क्षेत्र में सफारी के लिए आ रहे हैं। टूरिस्ट गाइड निरंजन सिंह राजपूत ने बताया कि बाला किला में सफारी के लिए प्रतिदिन 15 से 20 बुकिंग आ रही है। जबकि सरिस्का में सफारी करने वालों की संख्या कम है।
सरिस्का में अभी पर्यटक उमरी चौराहे तक ही जा पा रहे हैं। यहां जाने के लिए पहले से प्लान तय करना पड़ता है जबकि शहर में पर्यटक सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बाला किला बफर जोन में सफारी से पर्यटन का आनंद ले सकते हैं।
अलवर के बाला किला बफर जोन में आने वाले पर्यटक बाला किला के अलावा संग्रहालय, मूसी महारानी ,सागर ,सिलीसेढ़ आदि पर्यटक स्थलों के लिए समय निकाल पाते है ं। टूरिस्ट गाइड राकेश ने बताया कि बाला किला बफर जोन में आने वाले पर्यटक सलीम सागर सहित अन्य जगहों की ट्रिप कराई जाती है जो 3 से 4 घंटे में खत्म हो जाती है।
लोक कलाकारों को मिला जीवन दान

अलवर के रहने वाले अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार भपंग वादक युसूफ खान ने बताया कि कोरोना के चलते पूर्व में होने वाले सभी बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम निरस्त हो चुके हैं। ऐसे में अब जिले में आने वाले पर्यटकों से ही लोक कलाकारों को रोजी रोटी मिल रही है। अलवर के राजस्थानी लोक कलाकार इन दिनों नीमराणा, केसरोली, तिजारा फोर्ट में पर्यटकों का मनोरंजन करने के लिए जा रहे हैं। इस बारे में होटल व्यवसायी रामबिहारी कौशिक कहते हैं कि अलवर के कई होटल व किले यहां की पहचान है जिनमें देखने पर्यटक आ रहे हैं। यहां आकर शादी करना भी महानगरों के लोगों पसंद बनती जा रही है।
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