लंबे समय से गोमांस का धंधा कर रहे थे सकील व सत्तार, गाय काटकर कट्टे में भरकर बेचने जाते थे गोमांस

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<p>लंबे समय से गोमांस का धंधा कर रहे थे सकील व सत्तार, गाय काटकर कट्टे में भरकर बेचने जाते थे गोमांस</p>
अलवर के गोविन्दगढ में 40 किलो गोमांस व गाय की खाल बरामद होने के बाद हडक़ंप मच गया। पुलिस ने गोविन्दगढ के बड़बरा रोड स्थित खलील कसाई के घर से गोमांस व काटने के औजार भी बरामद किए हैं। पुलिस पूछताछ में अकबरी ने बताया कि उसका बेटा सकील व बेटे का दोस्त दौमडाकी निवासी सत्तार गाय को जंगल में मारकर गोमांस को गांवों में बेचने के लिए घर लाए थे।
लम्बे समय से कर रहा था धंधा

पुलिस के अनुसार सकील व उसका दोस्त सत्तार लम्बे समय से गोमांस का धंधा कर रहे थे। वे गोवंश को जंगल में मारकर सकील कसाई के घर लाते थे और वहां से उसे थैलियों में पैक कर आस-पास के गांवों में बेचते थे। पुलिस पूछताछ में बताया कि वे तस्करी की गाय को खरीदते थे, फिर उसे काटकर मांस को अलग-अलग वजन के हिसाब से तोलते थे, इसके बाद वे थैलियों को कट्टे में भरकर गांवों में बेचने जाते थे। मेवात क्षेत्र में होटल-ढाबों पर मिलने वाले गोमांस को वे ही पहुंचाते थे।
इतने ही मांस को बेचने ले गए सकील-सत्तार

सकील की मां ने बताया कि रविवार शाम को सत्तार उसके घर आया और सकील को अपने साथ बाइक पर ले गया। दोनों अगले दिन सुबह करीब चार बजे दो कट्टों में गोमांस लेकर घर आए। इस मांस को एक-एक व दो-दो किलो की थैलियों में पैक करने के बाद सुबह करीब छह बजे एक कट्टे में थैलियों को भरकर सकील व सत्तार बाइक पर उसे बेचने निकल गए। इसके बाद पुलिस ने उनके घर पर छापा मारकर शेष गोमांस व उसे काटने के औजार जब्त किए।
सकील व सत्तार की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित कर हरियाणा भेजी गई हैं। पुलिस ने सकील के घर के समीप बने दो गोदामों को भी सील किया है। अंदेशा है कि यहां पशुओं की काफी खालें रखी हुई हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डॉ. मूलसिंह राणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अलवर ग्रामीण।
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