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रामगढ़ में जगत सिंह के मैदान में आने से मुकाबला हुआ रोचक, जानिए रामगढ़ विधानसभा सीट का पूरा सफर

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र शुरु में कांग्रेस का गढ़ रहा, लेकिन भाजपा ने 1985 में यहां सेंध लगाई थी।

अलवरJan 07, 2019 / 04:18 pm

Hiren Joshi

रामगढ़ में जगत सिंह के मैदान में आने से मुकाबला हुआ रोचक, जानिए रामगढ़ विधानसभा सीट का पूरा सफर

अलवर/रामगढ़. जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में आजादी के बाद ज्यादातर कांग्रेस का वर्चस्व रहा, लेकिन वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रघुवर दयाल गोयल ने कांग्रेस का एकाधिकार खत्म कर यहां पहली बार भाजपा का परचम फहराया। रामगढ़ में अब तक हुए 14 विधानसभा चुनाव में 10 कांग्रेस व 4 बार भाजपा ने जीत दर्ज कराई। क्षेत्र में आगामी 28 जनवरी को होने वाले वाले चुनाव में एक बार फिर से कांग्रेस व भाजपा चुनाव मैदान में है, लेकिन इस बार बसपा की दमदार मौजूदगी ने क्षेत्र में सीधे चुनावी मुकाबले की उम्मीदें कम है।
आजादी के बाद से रामगढ़ पृथक विधानसभा क्षेत्र रहा है। यहां से 1952 में प्रथम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सरदार दुर्लभसिंह जीते। वहीं 1957 के चुनाव में कांग्रेस से गंगा डाटा ने यहां आकर जीत दर्ज कराई। वर्ष 1962 में कांग्रेस से उमा माथुर, सन 1967 व 1972 में कांग्रेस के शोभाराम ने जीत दर्ज कराई।
जनता पार्टी लहर में भी कांग्रेस अडिग रही

आपातकाल खत्म होने के बाद वर्ष 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में रामगढ़ में कांग्रेस का वर्चस्व रहा, यहां से पं. जयकृष्ण शर्मा ने जीत दर्ज कराई। वहीं 1980 में भी जयकृष्ण शर्मा ने लगातार जीत दर्ज कराई। हालांकि इसके बाद 1990 व 1993 व 2003 में कांग्रेस के जुबेर खान जीतते रहे।
हॉट सीट बन गई रामगढ़

कांग्रेस के वर्चस्व के बाद भी वर्तमान में रामगढ़ सीट जिले में सबसे हॉट शीट के रूप में जानी जाती है। इसका कारण है कि वर्ष 1985 के बाद यहां के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया। वहीं यहां की राजनीति दो घुरी हो गई। गत दो चुनावों को छोड़ यहां भाजपा लगातार जीत नहीं कराई पाई। यही कारण है कि रामगढ़ सीट को हॉट सीट माना जाने लगा है।
रामगढ़ में भाजपा ने पहली बार चुनाव जीता

आठवीं विधानसभा के लिए 1985 में हुए चुनाव में भाजपा ने पहली बार यहां से जीत दर्ज कराई। विधानसभा चुनाव में स्थानीय उम्मीदवार रघुवर दयाल गोयल जीते। इसके बाद यहां नए राजनतिक बनने लगे। इसी का परिणाम रहा कि वर्ष 1998 व 2008 एवं 2013 में भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा ने जीत दिलाने में कामयाब रहे।
बसपा ने जगत सिंह को उतारा

इस बार विधानसभा चुनाव में मुकाबला रोचक होने के आसार हैं। यह स्थिति तो तब है, जब रामगढ़ सीट पर लंबे समय से प्रतिद्वंदी रहे कांग्रेस के जुबेर खां व भाजपा के ज्ञानदेव आहूजा चुनावी दंगल से बाहर हैं। हालांकि रामगढ़ सीट पर कांगेेस ने इस बार जुबेर खां की पत्नी एवं पूर्व जिला प्रमुख सफिया जुबेर खां को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने नए चेहरे खुशवंत सिंह पर दांव लगाया है। उधर, बसपा ने भाजपा छोडकऱ बसपा में शामिल हुए पूर्व विधायक जगतसिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। इस कारण यहां चुनावी मुकाबला रोचक होने के आसार हैं।

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