अलवर में दो दिन झमाझम के बाद रुकी बारिश, बांधों में आया पानी, जानिए किस क्षेत्र में कितनी बरसात हुई

अलवर जिले में लगातार दो दिन बरसात हुई। जिलेवासियों का कहना है कि मानसून में ऐसी और बारिश की दरकार है। जिससे पेयजल संकट से राहत मिल सके।

<p>अलवर में दो दिन झमाझम के बाद रुकी बारिश, बांधों में आया पानी, जानिए किस क्षेत्र में कितनी बरसात हुई</p>
अलवर जिले में सोमवार की रात को कई स्थानों पर बरसात आती रही जबकि मंगलवार को दिन में इस बरसात का सिलसिला थम गया। दिन के समय बहरोड़ में तीन और किशनगढ़बास में एक मिमी बरसात ही आई। बरसात के नहीं आने से इस दिन तापमान में बढ़ोतरी हो गई।
सोमवार की रात को भी अलवर जिले में कई स्थानों पर खूब बरसात हुई। इस रात को अलवर में 26, रामगढ़ में 21, मुंडावर में 49, बहरोड़ में 25, बानसूर में 26, कठूमर में 15, किशनगढ़बास में 60, मालाखेड़ा में 10, राजगढ़ में 3, टपूकड़ा में 34, बहादरपुर में 31, नीमराणा में 28, थानागाजी में 7, कोटाकासिम में 80, गोविन्दगढ़ में 6, जयसमंद में 48, सीलिसेढ़ में 16, सोड़ावास में 5 और मंगलसर में 5 मिमी बरसात हुई। इस दिन तापमान बढकऱ 36 डिग्री हो गया जबकि न्यूनतम तापमान 25 डिग्री रहा। तापमान की अधिकता के कारण गर्मी महसूस हुई जबकि मंगलवार को राहत भरा दिन रहा।

अलवर जिले में बरसात की स्थिति-

अलवर जिले में अब तक 3500 मिमी बरसात दर्ज की गई। वहीं औसत बरसात अलवर जिले में 160 मिमी हुई है। इसमें अलवर शहर 285, रामगढ़ 109, मुंडावर 293, बहरोड़ 350, बानसूर 207, लक्ष्मणगढ़ 96, तिजारा 98, कठूमर 26, किशनगढ़बास 30, मालाखेड़ा 127, राजगढ़ 71, टपूकड़ा 94, बहादरपुर 125, नीमराणा 244, थानागाजी 84, कोटकासिम 97, गोविन्दगढ़ 56, मंगलसर 78, जयसमंद 78, सोड़ावास 398, सिलीसेढ़ 94 शामिल है।
बाजरा और ज्वार सहित सभी फसलों के लिए उपयोगी-

जिले में हुई बरसात से इस साल ज्वार और बाजरे की अच्छी फसल होने की उम्मीद है। इस बार यदि बरसात और आती है तो खरीफ की फसल अच्छी हो सकती है, जबकि अगेती फसलों के लिए जीवनदान साबित होगी। कृषि सहायक निदेशक के. एल. मीणा का कहना है कि अलवर जिले को बरसात की बहुत जरूरत है। बरसात की कमी ने फसलों का चक्र खराब कर दिया है।
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