अलवर जंक्शन से इस समय चल रही चार ट्रेनें, लेकिन नहीं मिल रही कन्फर्म सीट, तत्काल कोटा में भी सीट मिलना मुश्किल

कोरोना काल में जहां ट्रेनें धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है, वहीं रिजर्वेशन पहले की तरह फुल है

<p>अलवर जंक्शन से इस समय चल रही चार ट्रेनें, लेकिन नहीं मिल रही कन्फर्म सीट, तत्काल कोटा में भी सीट मिलना मुश्किल</p>
अलवर. कोरोना काल में पहली बार ट्रेनों के पहिए थम गए। अन लॉक के बाद अब रेलवे कोविड स्पेशल ट्रेनें चला रहा है, लेकिन अब इनमें भी रिजर्वेशन बेहद मुश्किल से मिल रहा है। अलवर जंक्शन से इन दिनों 4 ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन इस समय भी ट्रेन में कन्फर्म सीट मिलना यात्रियों से लिए चुनौती है। दिल्ली-अहमदाबाद आश्रम एक्सप्रेस के स्लीपर में 7 अक्टूबर से पहले कन्फर्म सीट नहीं है।
आश्रम में तो जयपुर के लिए भी सीट खाली नहीं हैं। इस ट्रेन में इन दिनों 150 से 200 के बीच वेटिंग चल रही है। इसके आलावा जयपुर-इलाहबाद एक्सप्रेस में भी 8-10 सीटें ही खाली है। वहीं दिल्ली के लिए वीकली चलने वाली संपर्क क्रांति के स्लीपर में भी 7 अक्टूबर से पहले कन्फर्म सीट नहीं मिलेगी। हालांकि इसके सेकंड सिटिंग में कुछ सीटों की उपलब्धता है।
तत्काल कोटा चंद मिनट में फुल

इन ट्रेनों का तत्काल कोटा भी 2 मिनट में फुल हो जाता है। सामान्य व्यक्तियों को ऑनलाइन टिकट बुक करने में परेशानी हो रही है। जब तक यात्री की डिटेल अंकित करते हैं, तब तक 80 से 100 वेटिंग पहुंच जाती है। कम ट्रेनों और सीटों की बुकिंग में दलाल सक्रिय हैं। वे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके टिकट बुक कर रहे हैं और इसके बदले 500 रूपए तक वसूल रहे हैं।
रिजर्वेशन के बगैर यात्रा नहीं

रेलवे के नियमों के मुताबिक इन दिनों ट्रेन में यात्रा करने के लिए रिजर्वेशन करना अनिवार्य है। ट्रेन में जितनी सीटें हैं उतने यात्रियों को ही ट्रेन में प्रवेश दिया जाता है। वेटिंग टिकट वाले यात्री यात्रा नहीं कर सकते। टिकट बुक कराने के लिए यात्रियों को अपना पूरा पता भी दर्ज करना होता है। वहीं स्टेशन पर तापमान चेक करके ही प्रवेश दिया जा रहा है।
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