शहर कोतवाली थाने के एएसआई लाखन सिंह ने बताया कि बच्चे हरसौरा के गांव मलवास निवासी तीन बालक आपस में चाचा-ताऊ के बच्चे हैं। शुक्रवार को उनके परिजन खेत पर गए हुए थे। पीछे से तीनों बालक बैग में अपने कपड़े रखकर घर से अलवर घूमने के लिए निकल गए। रास्ते में बालकों ने एक कार वाले को रोका। जिसे अलवर में अपने मामा के घर जाने की बात कही और उसके साथ गाड़ी बैठकर अलवर आ गए। रात करीब आठ बजे दाउदपुर रोड पर मिलट्री के पास दो युवाओं ने देखा। जिन्हें देखकर बालक झाडिय़ों में छिप गए। युवको पूछने पर बालकों ने बताया कि कोई गाड़ी वाला उन्हें बैठाकर अलवर ले आया और यहां छोड़ गया। इन युवकों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और तीनों बालकों को दस्तयाब कर थाने ले आई।
शुरुआत में बालकों ने पुलिस को बताया कि उन्हें कोई व्यक्ति कार में बैठाकर लाया और यहां छोड़ गया, जिसने शराब पी रखी थी। बाद में बालकों ने पुलिस को सही बताया कि अलवर में उनका मामा रहता है। वह मामा के पास आने और अलवर घूमने के लिए घर से निकले। पुलिस ने बालकों के परिजनों को पड़ताल की और हरसौरा थाना पुलिस की मदद से बालकों के परिजनों की पहचान हुई। इसके बाद रात करीब 10 बजे परिजन शहर कोतवाली थाने पहुंचे और तीनों बालकों को सुपुर्द कर दिया। इसके बाद परिजन अपने बालकों को लेकर कोतवाली थाने से रवाना हो गए।
परिजन तलाशते रहे उधर, तीनों बालकों के परिजन जब घर लौटे तो घर पर अपने बच्चों को न पाकर परेशान हो गए। परिजनों ने बालकों की गांव व आसपास तलाश शुरू की, लेकिन बालकों को कोई पता नहीं चला। इसके बाद परिजनों हरसौरा थाना पुलिस को सूचना दी। बालक मिलने के बाद परिजनों के चेहरे पर खुशी लौटी।