भाजपा से निष्कासित रोहिताश्व शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना, सीएम गहलोत की तारीफ़ की

भाजपा से निष्कासित रोहिताश्व शर्मा ने कहा कि प्रदेश भाजपा में हिटलरशाही, प्रधानमंत्री ने अब तक नहीं ली किसानों की सुध। उन्होंने कहा कि वसुंधरा 2023 के लिए करूंगा काम, भाजपा में गलत लोगों को उखाड़ फेंकने का लिया प्रण- केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने राजस्थान में एक पाइप भी नहीं लगवाया।

<p>भाजपा से निष्कासित रोहिताश्व शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना, सीएम गहलोत की तारीफ़ की</p>
अलवर. भाजपा में चल रही अंतर्कलह के बीच पिछले दिनों पार्टी से निष्कासित डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने प्रदेश भाजपा में अनुभवहीन नेताओं की ओर से हिटलरशाही चलाने का आरोप लगाते हुए केन्द्र सरकार को भी किसान आंदोलन को लेकर कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अभी तक किसानों की सुध नहीं लेने का भी आरोप लगाया तथा कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय की कृषि नीति को पूरे यूरोप ने अपनाया, लेकिन भारत में उस ओर ध्यान नहीं दिया गया।
डॉ. रोहिताश्व शर्मा ने मंगलवार को अलवर में सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिस देश में किसान सुरक्षित नहीं, उस सरकार भी भविष्य नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने दो साल में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, यह दो साल पूरे होने में करीब छह महीने का समय बचा है, लेकिन किसानों की हालत पहले जैसी ही है। किसान सडक़ों पर है, लेकिन प्रधानमंत्री ने उनकी सुध नहीं ली। जबकि किसान भारत की आत्मा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर अपरोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जिक्र कर कहा कि उन्होंने दूसरी पंचवर्षीय योजना में कृषि को तीसरे स्थान पर शामिल किया, अब जबकि भारत में सशक्त प्रधानमंत्री हैं, फिर तो कृषि को पहला स्थान मिलना चाहिए। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की तारीफ कर कहा कि उन्होंने गांवों से शहरों तक सडक़ों का जाल बिछाया, नदियों को जोडऩे का कार्य शुरू किया। उन्होंने तीन कृषि बिलों को सरकार की गलत संगत का असर बताया।
पीएम बड़े हैं, उन्हें झुक कर किसानों से बात करनी चाहिए

डॉ. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री बड़े हैं, उन्हें झुक कर किसानों से बात करनी चाहिए, जो बड़ा होता है, उसे झुकना चाहिए। वैसे वे स्वयं प्रधानमंत्री की कद्र करते हैं। उन्होंने नेताओं को इंगित कर कहा कि मैं उनसे प्रार्थना करता हूं कि देश में लोकतंत्र रहने दो, डिक्टेटरशिप मत करो। जब उनसे पूछा गया कि यह डिक्टेटरशिप की बात प्रधानमंत्री मोदी पर भी लागू होती है क्या, इस पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री पर कोई आरोप नहीं लगा रहे। उन्होंने सरकारी अधिकारियों को केबिनेट में शामिल करने पर सवालिया निशान लगाया।
केन्द्रीय नेतृत्व को गुमराह कर निष्कासन कराया

पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने केन्द्रीय नेताओं के समक्ष गलत फीडिंग कर उनका पार्टी से निष्कासन कराया है। उन्हें अपनी बात कहने का भी मौका नहीं दिया गया। अपने निष्कासन को लेकर केन्द्रीय अनुशासन समिति में अपील नहीं करेंगे। बल्कि वसुंधरा 2023 मिशन में काम कर भाजपा में गलत लोगों को उखाड़ फेंकने का कार्य करेंगे।
गहलोत को बताया नेता, कहा- उन्होंने बचाई सरकार

रोहिताश्व शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नेता बताते हुए कहा कि कांग्रेस के सियासी संकट में उनके कारण ही सरकार बच पाई। वहीं वसुंधरा राजे को लेकर कहा कि भाजपा की कमान उनके पास होती तो वे सरकार बना देती। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पर भी आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में प्रदेश में एक पाइप भी नहीं लगा।
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