यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर ने अमन सिंह की ई मेल से भेजी गई अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रोवेशन अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट मे कहा है कि आरोपी के अपराध में पुनः शामिल होने की संभावना नही है। उसका आचरण सामान्य बच्चो जैसा रहा है।याची की मां ने भी कहा कि वह बच्चे को अपनी निगरानी में रख कर सुधार करेगी।अपराधियों के संपर्क में आने नहीं देगी।बोर्ड ने इन बातो पर ध्यान नही दिया और बिना किसी ठोस कारण बताये याची की अर्जी खारिज कर दी ।अपील भी खारिज कर दी गयी।जिस पर कोर्ट ने जमानत पर शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया है