महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि सनातन परम्परा में सभी धर्मों का आदर किया जाता है। लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि व्यास मंचों से कुरान और शराब का महिमामंडन हो। उन्होंने कहा है कि जिन कथावाचकों को अली या मौला कहना है व्यास की गद्दी तत्काल छोड़ दें। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि कथावाचक संत नहीं होते हैं। इसलिये ये लोग संत कह कर समाज को भ्रमित न करें। उन्होंने कहा है कि कथावाचक संत नहीं बल्कि हैं सद् गृहस्थ हैं। उन्होंने कहा है कि सनातन परम्परा में शराब का महिमामंडन व्यासपीठ से उचित नहीं है और न ही सनातन परंपरा में शराब के लिए कोई स्थान है।
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि अखाड़ा परिषद व्यासपीठ के ऐसे किसी भी आचरण का पुरजोर विरोध करेगा। उन्होंने कहा है कि व्यास पीठ से कथा वाचन के दौरान शेरो.शायरी करना और फिल्मी गीतों के धुनों पर नृत्य करना भी गलत है। महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि व्यास पीठों से हो रहे ऐसे कृत्यों से सनातन धर्म की हानि हो रही हैए इसलिये अखाड़ा परिषद ऐसे हर कृत्यों का विरोध करेगा। बिना किसी का नाम लिए अखाड़ा परिषद ने साफ़ किया है की किसी भी ऐसे कथावाचक का विरोध होगा जो मंच से अली मौला का गीत गा रहा है।