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सांसदों ,विधायकों का ऐसा आचरण वैधानिक न होकर देशहित और संवैधानिक सिद्धांतों का खुला उल्लंघन है। ए एन त्रिपाठी ने कहा है देश की संचित निधि से मिलने वाली सांसद विधायक निधि पर सांसद और विधायक का कोई अधिकार नहीं होता। वह क्षेत्र के विकास के लिए मिलने वाला धन होता है। ऐसे धन को उन्हें राहत कोष में दान देने का कोई अधिकार नहीं है। यदि धनराशि जनहित में नहीं खर्च होती तो वह संचित निधि वापस चली जाती है। जनहित के कार्यों में खर्च करने के बजाय उसे दान देने की घोषणा गैर संवैधानिक एवं अनैतिक है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।