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याचिका पर संज्ञान लेकर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर ने प्रदेश सरकार से इस मामले में जानकारी मांगी थी। अपर शासकीय अधिवक्ता ने कोर्ट को ईमेल के जरिए बताया कि याची को पहले ही इस काम के लिए पास जारी कर दिया गया है । इस स्थिति में याचिका अब औचित्य हीन हो चुकी है । कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा दी गई जानकारी के बाद याचिका निस्तारित कर दी । याची का कहना था कि उनकी बहन दिल्ली किसी काम से गई थी। इस बीच लॉक डाउन की घोषणा हो गई और आवागमन के साधन बंद हो जाने से वह दिल्ली में ही फस गई है। इस हालात में उसे पास जारी किया जाए ताकि वह अपनी बहन को सुरक्षित घर ला सके।