सरकार के तमाम एहतियात के आदेशों के बाद भी हैरान करने वाली बात यह रही की घायलावस्था में कांवड़िये जब अस्पताल पहुंचे तो उन्हे अस्पताल में स्ट्रेचर तक नहीं उपलब्ध हो सका। साथी कांवड़ियों की मदद से उन्हे किसी तरह अस्पताल के अंदर तक भेजा ज़ा सका। साथी कांवड़ियों की माने तो उन्होने सड़क हादसे में घायल कांवड़ियों को अस्पताल भेजवाने के लिए एंबुलेंस को फ़ोन किये पर उन्हे समय पर एंबुलेंस की व्यवस्था भी नहीं हुई तो वह बाइक औऱ आटो पर ही घायलों को अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उन्हे ट्रामा सेन्टर के अंदर तक जाने के लिए स्ट्रेचर टक नही मिला।
यह भी पढ़ें –यूपी बार काउंसिल की हड़ताल ,सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी ऐसे में सूबे की योगी सरकार एक तरफ कांवड़ियों को हर सुविधा देने की बात कर रही है, आसमान से फुल बरसा रही है और दूसरी तरफ सड़क हादसों क़ा शिकार होने वाले कांवड़ियों को अस्पताल में प्राथमिक उपचार मिलना तो दूर अस्पताल में स्ट्रेचर तक नहीं मिल रहा है। घण्टो उन्हे अस्पताल में इलाज़ के अभाव में छोड़ दिया ज़ा रहा है। इस पूरे मामलें पर जब एसपी गंगापार से बात की गई तो उन्होने कहा की सरकारी अस्पताल होने के कारण जो लोग जहां पर भी स्ट्रेचर लेकर चले जातें उसे वापस नहीं करते जिस कारण कभी -कभी लेट हो जाता है लेकिन अस्पतालों में इलाज़ की पूरी व्यवस्था है।