इलाहाबाद युनिवर्सिटी प्रशासन इस कवायद में जुटा है कि एकेडमिक कैलेंडर प्रभावित न हो। इसके लिये जिन छात्रों को प्रमोट किया जा सकता था उनके लिये फैसला ले लिया गया और अब स्नातक अंतिम वर्ष और परास्नातक अंतिम सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा को लेकर कवायद चल रही है। इस श्रेणि में युनिवर्सिटी और उससे संबद्घ काॅलेजों के करीब 20 हजार परीक्षार्थी बताए जा रहे हैं।
विश्वविद्यालय सूत्रों की मानें तो ये परीक्षाएं दो घंटे की होंगी, जिनमें केवल चार प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। प्रैक्टिकल का आंकलन असाइनमेंट और वायवा के आधार पर किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर आॅनलाइन वायवा भी कराया जा सकता है। किसी पेपर में फेल होने पर द्वितीय परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। हालांकि ये नियम इसी सत्र में लागू होंगे।
परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेन्द्र कुमार ने मीडिया को बताया है कि स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र दूसरे साल में प्रमोट कर दिये गए हैं, वह सेकेंड ईयर की क्लास में उपस्थित हो सकते हैं। इस बीच जब भी संभव हो सकेगा परीक्षा कराई जाएंगी। यदि ये संभव न हो पाया तो शीतकालीन अवकाश में परीक्षाएं कराई जाएंगी। दूसरे साल के छात्र तीसरे साल में प्रमोट किये जाएंगे। अगर ऐसा संभव नहीं हो पाता है तो फर्स्ट इर्यर के परफाॅर्मेंस के आधार पर सेकेंड इर्यर का रिजल्ट घोषित किया जा सकता है। कोई छात्र अगर कोरोना के चलते दूसरे शहर से नहीं आ सकता तो वह थर्ड ईयर में ही सेकेंड ईयर की भी परीक्षा दे सकता है। प्रोफेशनल और लाॅ सब्जेक्टस के लिये दूसरे, चौथे, छठें और आठवें सेमेस्टर के छात्रों का आंकलन बीए सेकेंड ईयर के छात्रों की तर्ज पर ही किया जाएगा।