आयोग आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा सहित कॉलेज लेक्चरर, स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा, कृषि, कारागार, कनिष्ठ लेखाकार और अन्य भर्ती परीक्षाओं का आयेाजन करता है। आयोग की कॉपियों-ओएमआर शीट पर कंप्यूटराइज्ड बार कोड होते हैं। इनमें अभ्यर्थी के रोल नंबर होते हैं। इन्हें कंप्यूटर-स्कैनर ले ही पढ़ा जा सकता है।
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अनर्गल लिखने पर नहीं जंचेगी कॉपीआरएएस और व्याख्याता भर्ती की लिखित परीक्षा में कुछ अभ्यर्थी कॉपियों मे ‘भगवान अच्छे नंबर देना’ ,‘साहब ध्यान रखना ’ ‘ ’साहब गरीब हूं नौकरी चाहिए… ’ और कई अनर्गल बातें लिखते हैं। इनका मूल विषय और उत्तरों से कोई संबंध नहीं होता। आयोग ने परीक्षाओं के लिए नई कॉपियां तैयार कराई हैं। इनके प्रत्येक पेज पर विशेष बार कोड अंकित है। कॉपी में उत्तर लिखने की जगह (स्पेस) और लाइन भी निर्धारित हैं। अभ्यर्थी द्वारा अनर्गल बातें-शब्द लिखते हैं स्कैनर ऐसी कॉपियों को अलग कर देता है।
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कुछ परीक्षाओं में मिली कामयाबीआयोग ने पिछले चार-पांच महीने में 20 से 25 भर्ती परीक्षाएं कराई हैं। इनमें आरएएस, व्याख्याता भर्ती और अन्य परीक्षाओं की कम्प्यूटराइज्ड बार कोड वाली कॉपियां जंचवाई है। जिन कॉपियों में अनर्गल लिखा मिला, उसे स्कैनर ने बिल्कुल अलग कर दिया। विशेषज्ञों द्वारा आंतरिक जांच कराने पर ऐसी कॉपियों वाले अभ्यर्थी कमजोर ही निकले। इनका मूल्यांकन कराया गया तो अभ्यर्थी उत्तीर्ण अथवा मेरिट के आसपास भी नहीं पहुंचे।
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कंप्यूटरीकृत बार कोड व्यवस्था पहले से लागू है। कोई भी अनर्गल टिप्पणी-लिखने पर स्कैनर उसकी छंटनी कर देता है। इससे कॉपियां जांचने का काम त्वरित हुआ है।
दीपक उप्रेती, अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग