RPSC: जुट जाएं तैयारी में, दिसंबर में होंगे आरएएस के साक्षात्कार

नवंबर में जारी कर सकता है आरपीएससी साक्षात्कार की तिथियां। अभ्यर्थियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार की कोविड-19 संबंधित गाइड लाइन की पालना करनी जरूरी होगी।

<p>rpsc interview process</p>
अजमेर.
आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2018 के साक्षात्कार दिसंबर के द्वितीय सप्ताह में प्रारंभ होंगे। राजस्थान लोक सेवा आयोग साक्षात्कार तिथियां-कार्यक्रम तय करने में जुटा है। नवंबर में इंटरव्यू की तिथियां और कार्यक्रम जारी हो सकता है।
सचिव शुभम चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं परीक्षा- 2018 के साक्षात्कार दिसंबर के द्वितीय सप्ताह में कराए जाने की संभावना है। आयोग साक्षात्कार तिथियां-कार्यक्रम जल्द जारी करेगा। साक्षात्कार में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को राज्य एवं केन्द्र सरकार की कोविड-19 संबंधित गाइड लाइन की पालना करनी जरूरी होगी।
पूर्व में आयोग ने 5 से 23 अक्टूबर तक आरएएस के साक्षात्कार कराना तय किया था। प्रथम चरण में 560 अभ्यर्थियों को बुलाया जाना था। मालूम हो कि आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2018 के तहत 1051 पदों पर भर्ती होगी। मुख्य परीक्षा में इसकी एवज में 2010 अभ्यर्थी पास किए गए हैं
घूसकांड के आरोपियों का वॉइस टेस्ट, एसीबी कर रही तैयारी

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के घूस प्रकरण में निलंबित कुलपति रामपाल सिंह और उसके दलाल सहित अन्य आरोपियों की मुसीबत बढऩे वाली है। एसीबी आरोपियों का वॉइस टेस्ट कराने की तैयारी में है। ताकि आरोपी सर्विलांस के दौरान हुई डील और बातचीत को किसी भी स्थिति में नकार नहीं सके। विवि के कुलपति आवास पर 7 सितंबर को एसीबी ने आरोपित रणजीत सिंह को आरोपित महिपाल सिंह से सुरेश की कॉलेज राहुल मिर्धा इंजीयिरिंग कॉलेज झुंझाला को परीक्षा केंद्र बनाने की एवज में 2.20 लाख रुपए लेते पकड़ा था। आरोपित रामपाल सिंह के लिए राशि लेने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। रिश्वत राशि मांग का सत्यापन परिवादी एस.के. बंसल और निलंबित कुलपति रामपाल के मध्य 25 जून 2020 को आमने-सामने विश्वविद्यालय में ही वार्ता से किया गया। इसका उल्लेख प्राथमिकी में है।
अब वॉइस टेस्ट की तैयारी
एसीबी रामपाल सिंह और उसके दलाल रणजीत सिंह, महिपाल सिंह और अन्य आरोपी का वॉइस टेस्ट करा सकती है। इसको लेकर एसीबी डीजी बी. एल. सोनी, एडीजी दिनेश एम.एन के स्तर पर चर्चा हो चुकी है। वॉइस टेस्ट कराने के पीछे ठोस वजह भी है।
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