कॉलेज-विश्वविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालयों के फीते काटने के ‘नेताजी ’ के मंसूबों पर इस बार पानी फिर सकता है। दरअसल इस साल विधानसभा होने हैं। समय रहते उद्घाटन हुआ कांग्रेस और भाजपा नेता समारोह में शामिल होंगे। अक्टूबर या नवम्बर में आचार संहिता लागू हुई तो छात्रनेताओं और सियासी दल के नेताओं की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
कॉलेज और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव हो चुके हैं। सभी संस्थाओं में चुनाव नतीजे 11 सितम्बर को जारी होंगे। चुनाव जीतने के बाद छात्र संघ पदाधिकारियों की पहली प्राथमिकता छात्रसंघ कार्यालय के उद्घाटन की होती है। आमतौर पर छात्रनेता अपने कार्यालय के उद्घाटन में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं, केंद्र अथवा राज्य सरकार के मंत्रियों, भामाशाहों को बुलाते रहे हैं।
होने हैं विधानसभा चुनाव प्रदेश में इस साल दिसम्बर में विधानसभा चुनाव होने हैं। नियमानुसार 45 से 50 दिन पूर्व चुनाव आचार संहित लागू हो जाती है। ऐसे में आचार संहिता अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े या नवम्बर के शुरुआत में लागू की जा सकती है। इसके बाद प्रदेश में सियासी दलों के नेता कोई लोक-लुभावनी घोषणाएं, नए भवनों, कार्यालयों, परियोजनाओं का उद्घाटन नहीं कर सकते हैं।
जल्द हों उद्घाटन तो बने बात…. कांग्रेस और भाजपा के नेताओं की निगाहें विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं। छात्रसंघ चुनाव नतीजे जारी होने के साथ सियासी दलों के नेता और छात्रसंघ पदाधिकारी तत्काल एकदूसरे से सम्पर्क करेंगे। विधानसभा चुनाव लडऩे वाले भावी उम्मदीवारों और नेताओं को युवाओं से रूबरू होना अवसर मिलेगा। आचार संहिता लागू होने से पहले समारोह कराए जाएं तो सियासी दलों के नेता शामिल होंगे।
फिर भी करेंगे नेताओं से संपर्क एनएसयूआई के छात्रनेता कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, डॉ. रघु शर्मा, पूर्व सांसद प्रभा ठाकुर और अन्य को बुला सकते हैं। वहीं अभाविप छात्र मुख्यमंत्री, केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवद्र्धन सिंह, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सी. आर. चौधरी, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल को आमंत्रित कर सकते हैं।