मैया की नौ दिन तक अराधना, यूं किया मूर्तियों का विसर्जन

शहर में ढोल-ढमाके और डीजी पर नाचने-गाने पर पाबंदी लगाई गई। लोगों ने मैया की मूर्तियों को टैंक में विसर्जित किया।

<p>durga murti visarjan</p>
अजमेर.
शारदीय नवरात्र में नौ दिवसीय अराधना के बाद रविवार को शहरवासियों ने अम्बे मैया की मूर्तियों का विसर्जन किया। कोरोना संक्रमण के चलते सोशल गाइडलाइंस की पालना की गई।

शारदीय नवरात्र के तहत रविवार सुबह 9.31 तक नवमी तिथि रहने से लोगों ने अम्बे मैया का पूजन किया। लोगों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर कन्याओं भोजन कराया। श्रद्धानुसार उपहार भेंट किए। शहर के चामुंडा मंदिर, मेहन्दीपुर बालाजी, नौसर घाटी स्थित नौसर माता, मेहन्दी खोला माता मंदिर, बजरंगढ़ स्थित अम्बे माता और अन्य मंदिरों में आरती-पूजन हुआ। इसके बाद लोग सुबह से आजाद पार्क पहुंचने शुरू हो गए। यहां बने टैंक में मूर्तियों का विसर्जन किया गया। कोरोना संक्रमण के चलते शहर में ढोल-ढमाके और डीजी पर नाचने-गाने पर पाबंदी लगाई गई। लोगों ने मैया की मूर्तियों को टैंक में विसर्जित किया।
कोरोना संक्रमण के चलते रविवार को विजयदशमी पर्व फीका रहा। पहली बार पटेल मैदान में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हुआ। अलबत्ता शहरवासियों ने परम्परा बरकरार रखते हुए केसरगंज रावण की बगीची में रावण के छोटे पुतले का दहन किया। कई कॉलोनियों में भी रावण दहन कर आतिशबाजी की गई।
पटेल मैदान में प्रतिवर्ष धूमधाम से विजयदशी पर्व मनाया जाता रहा है। यहां रावण के 68 से 72 फीट, कुंभकर्ण और मेघनाद के 50 से 60 फीट के पुतलों का दहन किया जाता रहा है। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते शहर में सार्वजनिक दहशरा-विजयदशमी कार्यक्रम नहीं हुए। हर साल चहल-पहल से आबाद रहने वाला पटेल मैदान सूना रहा। इस परम्परा को बरकरार रखने के लिए शहरवासियों ने रावण की बगीची में छोटा सा समारोह किया। यहां रावण के दस फीट के पुतले का दहन किया गया। रघुनाथ मंदिर से भगवान रामकी सवारी सांकेतिक निकाली गई।
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