मार्बल नगरी किशनगढ़ में इस बीमारी के तीन मामले सामने आए हैं। इनमें से एक रोगी की दोनों आंखों की रोशनी कम हो गई और दो मरीजों की आंखें लाल होना बताया जा रहा है। इनमें से दो रोगी जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि तीसरा युवक भी सोमवार को इलाज के लिए जयपुर रवाना हो गया। इनमें से दो किशनगढ़ और एक भिनाय निवासी हैं।
कोरोना के बाद कम दिखने लगाकिशनगढ़ के बिहारी पोल पानी की टंकी के पास निवासी 45 वर्षीय युवक 11 मई की रात को डॉ. अशोक जैन से चिकित्सकीय परामर्श के लिए घर स्थित क्लिनिक पहुंचा। उसने डॉ. जैन को दोनों आंखों से कम दिखने की बात कही। उसकी आंखों के पास सूजन भी देखी गई। वह कोरोना संक्रमित हो गया था। जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने और ठीक होने के बाद आंखों की रोशनी कम होने पर डॉक्टर जैन ने परामर्श दिया था। इस पर उसे तत्काल जयपुर एसएमएस अस्पताल में उपचार कराने की सलाह दी गई जो वह उपचाररत है।
चेहरे और आंखों के पास सूजन भिनाय निवासी 45 वर्षीय युवक भी कोरोना से ठीक होने के बाद डॉ. जैन से 8 मई को चिकित्सकीय परामर्श लेने के लिए घर पर स्थित क्लिनिक आया। युवक के चेहरे और जबड़े के पास सूजन थी और आंखें लाल नजर आईं। इस पर उसे भी तत्काल जयपुर एसएमएस चिकित्सालय जाकर उपचार लेने की सलाह दी गई। इसकी आंखों में भी ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे।
कोरोना के बाद अब आंखों का इलाज शुरू कोरोना से करीब 15 से 20 दिन अजमेर के जेएलएन अस्पताल में इलाज करा कर कोरोना की जंग जीतने के बाद देवडूंगरी क्षेत्र के 40 वर्षीय युवक की आंखों में दर्द और आंखें लाल होने की बात सामने आई। इस पर युवक ने एक निजी नेत्र रोग विशेषज्ञ से चिकित्सकीय परामर्श लिया। नेत्र रोग विशेषज्ञ ने आंखों में ब्लैक फंगस होने की संभावना जताई और युवक सोमवार को उपचार के लिए जयपुर रवाना हो गया।
इनका कहना है कोरोना से ठीक होने के बाद एक युवक घर पर जांच कराने के लिए आया था। उसने दोनों आंखों से रोशनी कम होने की शिकायत की थी, जबकि दूसरा युवक भिनाय से उन्हें दिखाने के लिए घर पर आया था। उसकी आंखें लाल और चेहरे व जबड़े के पास सूजन थी। इनके ब्लैक फंगस होने की संभावना लग रही थी। दोनों को ही जयपुर जाकर विशेषज्ञ से इलाज कराने की सलाह दी थी। दोनों रोगी जयपुर में उपचारत हैं।
डॉ. अशोक जैन, फिजिशियन एवं पीएमओ, यज्ञनारायण चिकित्सालय, किशनगढ़