शहर में पिछले दस साल में कई मर्डर हो चुके हैं। ज्यादातर मामलों में प्रॉपर्टी डीलिंग ही हत्या की वजह बनी है। केवल एक मामला ऐसा था लूट से जुड़ा था। अजमेर में अमूमन बड़े क्राइम नहीं हुए हैं। लेकिन पिछले 15 साल में शहर के विस्तार के साथ भू-माफिया और रीयल एस्टेट का कारोबार करने वालों ने शहर पर नजरें गढ़ा दी हैं। बेशकीमती जमीनों पर कब्जे करना, डरा-धमकाकर मकान खाली कराना और वसूली जैसे क्राइम बढ़ गए हैं। पिछले दस साल में हुए मर्डर यही कहानी बयां करते हैं। इनमें सबसे अहम किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के बेटे की हत्या का मामला भी शामिल है।
अजमेर और जिले में हुए हत्याकांड
-9 मार्च 2011 में किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के पुत्र भंवर सिनोदिया की गोली मारकर हत्या की गई थी। इसमें बलवाराम, शहजाद, सिकंदर, कैलाश, हीरालाल और मदनलाल को पुलिस ने पकड़ा था।
-10 नवंबर 2016 को पुलिस के बर्खास्त सिपाही और प्रॉपर्टी डीलर धर्मेन्द्र चौधरी की पटेल स्टेडियम के निकट गोली मारकर हत्या की गई थी। इसमें विक्रम शर्मा (जिसका 22 जुलाई को मर्डर हुआ)और संजय सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।
-31 जनवरी 2017 को श्रीनगर रोड पर कुख्यात अपराधी रामकेश मीणा की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने चार महीने बाद इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
-21 फरवरी 2019 को मनी एक्सेंज कारोबारी मनीष मूलचंदानी की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने जितेंद्र उर्फ जीतू बना, रणजीत सिंह उर्फ रणसा सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया।
-9 मार्च 2011 में किशनगढ़ के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के पुत्र भंवर सिनोदिया की गोली मारकर हत्या की गई थी। इसमें बलवाराम, शहजाद, सिकंदर, कैलाश, हीरालाल और मदनलाल को पुलिस ने पकड़ा था।
-10 नवंबर 2016 को पुलिस के बर्खास्त सिपाही और प्रॉपर्टी डीलर धर्मेन्द्र चौधरी की पटेल स्टेडियम के निकट गोली मारकर हत्या की गई थी। इसमें विक्रम शर्मा (जिसका 22 जुलाई को मर्डर हुआ)और संजय सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था।
-31 जनवरी 2017 को श्रीनगर रोड पर कुख्यात अपराधी रामकेश मीणा की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने चार महीने बाद इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया था।
-21 फरवरी 2019 को मनी एक्सेंज कारोबारी मनीष मूलचंदानी की गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने जितेंद्र उर्फ जीतू बना, रणजीत सिंह उर्फ रणसा सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया।
कोरोना बना सिरदर्द,, संभागीय मुख्यालय पर हो सकती हैं परीक्षाएं पशु चिकित्सा अधिकारी और पुस्तकालयाध्यक्ष संवीक्षा परीक्षा। अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग पशु चिकित्सा अधिकारी और पुस्तकालयाध्यक्ष संवीक्षा परीक्षा दो या तीन संभाग मुख्यालय पर करा सकता है। अजमेर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग जल्द फैसला लेगा।
आयोग 2 अगस्त को पशु चिकित्सा अधिकारी और पुस्तकालयाध्यक्ष परीक्षा कराएगा। यह परीक्षाएं सुबह 9 से 12 और दोपहर 2 से 5 बजे होगी। परीक्षाएं अजमेर जिला मुख्यालय पर कराई जानी हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते आयोग की चिंता बढ़ गई है।20 हजार से ज्यादा अभ्यर्थीदोनों परीक्षाओं में 20 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल होंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य के विभिन्न जिलों से इतने अभ्यर्थियों को अजमेर में बुलाना सिरदर्द साबित हो सकता है। ऐसे में आयोग की चिंता बढ़ गई है।
योजना में हो सकता है बदलाव
आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती सहित सदस्यों-अधिकारियों ने दोनों परीक्षाओं को लेकर चर्चा की है। कोरोना संक्रमण के चलते आयोग दो या तीन संभाग मुख्यालय पर परीक्षा आयोजन पर विचार कर रहा है। इससे अभ्यर्थियों को भी सहूलियत होगी। साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम होगा।
आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती सहित सदस्यों-अधिकारियों ने दोनों परीक्षाओं को लेकर चर्चा की है। कोरोना संक्रमण के चलते आयोग दो या तीन संभाग मुख्यालय पर परीक्षा आयोजन पर विचार कर रहा है। इससे अभ्यर्थियों को भी सहूलियत होगी। साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी कम होगा।
बंद रहेगा विश्वविद्यालय अजमेर. एकेडेमिक विभाग अधिकारी और कर्मचारी के कोरोना संक्रमण पॉजिटिव मिलने के कारण महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय 23 जुलाई को बंद रहेगा। कुलसचिव संजय माथुर ने बताया कि कोरोना संक्रमण रोकथाम के तहत विश्वविद्यालय परिसर को सेनेटाइज्ड किया जाएगा। इस दौरान शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम के तहत कामकाज करेंगे। स्टाफ को जिला मुख्यालय छोडऩे की अनुमति नहीं होगी।