Chotiya Murder: हनुमान और हीरालाल को लिया तीन दिन के रिमांड पर

भागचंद चोटिया हत्याकांड में लिप्त हैं आरोपी। रिमांड अवधि पूरी होने पर किया अदालत में किया था पेश।

<p>bhagchand chotiya murder</p>
अजमेर/मदनगंज-किशनगढ़.
किशनगढ़ में भागचंद चोटिया पर अंधाधुंध गोलियां चलाकर दिनदहाड़े उसकी हत्या करने के आरोपित हनुमानसिंह चौधरी और हीरालाल जाट से पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है। पुलिस ने दोनों आरोपितों को शनिवार को अदालत में पेश किया था। यहां से उन्हें तीन-तीन दिन के रिमांड पर सौंपा गया है।
मदनगंज थाना सीआई राजवीर सिंह ने बताया कि तीन दिन की रिमांड अवधि पूरी होने पर हीरालाल जाट, हनुमानसिंह चौधरी और भागने में मदद करने के सह आरोपित रामदयाल और देवाराम को अदालत में पेश किया गया था। अदालत ने रामदयाल और देवाराम को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए। हीरालाल की रिमांड अवधि तीन दिन और बढ़ाने के आदेश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि 18 अक्टूबर शाम 4 बजे प्राचीन बालाजी मंदिर के पास भागचंद चोटिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसके भाई रामवतार चोटिया ने हनुमान समेत अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने 20 अक्टूबर को प्रकरण में भंवर सिनोदिया हत्याकांड में बरी हो चुके हीरालाल जाट को रूपनढ़ के पास से गिरफ्तार किया। फरारी में मदद करने वाले मुंडोती निवासी रामदयाल एवं बरड़ा की ढाणी निवासी देवाराम भी पकड़े गए। चौथे आरोपित रामनेर ढाणी निवासी हनुमानसिंह चौधरी को पुलिस ने कुचील से गिरफ्तार किया।
राहुल को बलभाराम ने ही भेजा था किशनगढ़

भागचंद चोटिया की हत्या की साजिश धौलपुर जेल से ही रची गई। भंवर सिनोदिया हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त बलभाराम जाट ने ही हत्या की साजिश रची। पुलिस को जांच में इसके ठोस सबूत हाथ लगे हैं। अब मदनगंज थाना पुलिस हत्याकांड में धौलपुर जेल में सजा काट रहे बलभाराम जाट को भी प्रोडक्शन वारंट के जरिए गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए किशनगढ़ लाएगी। पुलिस को बलभाराम से हत्याकांड की साजिश कहां रची और इसमें और अन्य कौन-कौन शामिल रहे समेत कई बिन्दुओं पर पूछताछ करनी है।
हालांकि अभी तक पकड़े गए आरोपित हीरालाल जाट, हनुमान सिंह चौधरी एवं दो अन्य से की गई पूछताछ में यह साफ हो गया है कि बलभाराम ने भागचंद को मौत के घाट उतारने के लिए अपने एक खास साथी को तैयार किया और उसे किशनगढ़ भेजा। इसका नाम राहुल बताया जा रहा है। राहुल यहां हीरालाल और हनुमान चौधरी से मिला। इसके बाद भागचंद की हत्या का दिन तय किया गया।
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