नवरात्रि के दौरान माता के कई मंदिरों में नहीं हो सकेंगे दर्शन

कोरोना संक्रमण का आस्था पर असर: संक्रमण को फैलने से रोकने को मंदिर ट्रस्टों का अहम निर्णय

<p>नवरात्रि के दौरान माता के कई मंदिरों में नहीं हो सकेंगे दर्शन</p>
अहमदाबाद. गुजरात में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना ने एक बार फिर से लोगों की आस्था पर असर करना शुरू कर दिया है। बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक बार फिर से राज्य के प्रमुख मंदिरों के पट बंद होने लगे हैं।
चैत्र नवरात्रि मंगलवार से शुरू होने वाली है, लेकिन उसके बावजूद लोग माता के मंदिरों में रूबरू दर्शन नहीं कर सकेंगे क्योंकि कई मंदिर बंद रहेंगे।

कुछ 30 अप्रेल तक बंद रखे गए हैं, तो कई मंदिर ट्रस्टों ने आगामी निर्देश जारी होने तक मंदिर में प्रवेश पर रोक लगाई है।
राजकोट के वीरपुर का प्रसिद्ध जलाराम मंदिर, गांधीनगर का अक्षरधाम मंदिर 30 अप्रेल तक, भावनगर जिले के महुवा के बगदाणा में स्थित बापासीताराम के गुरु आश्रम 13 अप्रेल से आगामी निर्देश जारी न होने तक बंद रखने की घोषणा की गई है।
प्रसिद्ध यात्राधाम, शक्तिपीठ अंबाजी और बहुचराजी मंदिर में दर्शन को लेकर अभी निर्णय होना बाकी है। कच्छ के माता के मढ़ में स्थित आशापुरा माता का मंदिर भी दर्शनार्थियों के लिए आगामी निर्देश जारी नहीं होने तक बंद रखा गया है। यह मंदिर कच्छ जिले में आस्था का बड़ा केन्द्र है।
पूजा-पाठ नियमित
हालांकि इस दौरान मंदिरों में पूजा-पाठ नियमित तौर पर जारी रहेगा। श्रद्धालु दर्शन रूबरू दर्शन नहीं कर सकेंगे, लेकिन वे ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से यूट्यूब, सोशल मीडिया के विविध प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन दर्शन कर सकें ऐसी व्यवस्था जारी रहेगी।
पावागढ़़ मंदिर में भी प्रवेश पर पाबंदी
पावागढ़ स्थित मां काली के मंदिर को भी चैत्र नवरात्रि पर उमडऩे वाली हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ को मद्देनजर रखते हुए 12 से 28 अप्रेल तक बंद रखने का निर्णय किया गया है। यहां दर्शनार्थियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बड़ी संख्या में लोग पदयात्रा कर नवरात्रि पर दर्शन को जाते हंै।
सोमनाथ मंदिर आगामी निर्देश तक बंद
प्रभास पाटण. देश का प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ महादेव मंदिर रविवार से अन्य निर्णय होने तक श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद रहेगा।

सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन अहिल्याबाई मंदिर, राम मंदिर, लक्ष्मीनारायण-गीता मंदिर, भालका मंदिर, भीड़भंजन मंदिर में भी दर्शनार्थियों के लिए दर्शन बंद रहेंगे।
सोमनाथ ट्रस्ट के महा प्रबंधक विजयसिंह चावड़ा के अनुसार श्रद्धालुगण अब सोमनाथ ट्रस्ट की वेबसाइट पर पूजाविधि के लिए पंजीकरण करवा सकेंगे। स्वर्ण कलश चढ़ाने सहित पूजा भी ऑनलाइन करवा सकेंगे।

खोडलधाम, सताधार, हरिमंदिर में श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे दर्शन
राजकोट. जेतपुर खोडलधाम ट्रस्ट-कागवड 30 अप्रेल तक बंद रखने का निर्णय किया गया है। परब, सताधार मंदिर, स्वामीनारायण गुरुकुल में दर्शन पर रोक लगा दी गई है।
पोरबंदर के प्रसिद्ध हरिमंदिर और मोरबी के माटेलधाम, लाठी भुरखिया हनुमानजी मंदिर बी दर्शनार्थियों के लिए बंद रहेंगे। जूनागढ़ जिले के मेंदरडा के समीप नागलनेस शिरोडाधाम माताजी का मंदिर भी बंद किया गया है।
धोराजी तहसील में पाटणवाव स्थित ओराम डुंगर में होने वाला व चैत्र नवरात्र महोत्सव भी रद्द कर दिया गया है।हालांकि दर्शन के लिए सुबह छह से शाम छह बजे तक मंदिर खुला रहेगा।

Ram Naresh Gautam

हीरा नगरी पन्ना में पैदाइश, संगम नगरी प्रयागराज से पढ़ाई, बाबा नानक की कर्मनगरी सुल्तानपुर लोधी के जिला कपूरथला से मौजूदा कर्मक्षेत्र में कदम रखा जिसके कारण राम की वनवासकाल की प्रवासस्थली चित्रकूट के समीपी सतना सेे होते हुए हिमालय की गोद जम्मू के बाद आईटी सिटी बेंगलूरु में पड़ाव और वर्तमान में कुछ वर्षों से गुलाबी नगरी जयपुुर में ठहराव है...

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