Gujarat: 100 अटल टिंकरिंग लैब में मददगार होगा इसरो

ISRO, Atal tinkring lab, technology, satelite, students, Gujarat news: विद्यार्थियों को इसरो देगा अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी शिक्षा

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गांधीनगर. विद्यार्थियों (students) में वैज्ञानिक (scientist) सोच विकसित करने के मकसद से नीति आयोग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ अटल इन्नोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब (atal tinkring) का देशभर में प्रयोग शुरू किया है। स्कूल के ुविद्यार्थियों (students) के लिए अंतरिक्ष शिक्षा (space education) और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (technology) से संबंधित नवाचारों (innovation) के क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए देशभर ऐसे 100 अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) प्रारंभ होंगे। इसके जरिए अब विद्यार्थी आधारित आइडिया से विज्ञान को साकार किया जा सकेगा। ये दो चरणों में विभाजित है, जिसमें पहले चरण में 45 प्रयोगशालाएं और दूसरे चरण में शेष 55 को शामिल किया जाएगा। परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी हाल ही में राज्यसभा में यह जानकारी दी।
देशभर में इसरो की मदद से 100 अटल टिकरिंग लैब प्रारंभ होंगे, जिसमें गुजरात में ऐसे पांच अटल टिंकरिंग लैब (प्रयोगशाला) प्रारंभ होंगे। अहमदाबाद की काशी विद्या विहार गुजराती माध्यमिक शाला, भावनगर की श्री ज्ञान मंजरी स्कूल, बनासकांठा में पालनपुर की संस्कृति विद्यालय, छोटा उदेपुर के जय अम्बे विद्यालय और भावनगर के दक्षिणमूर्ति विद्यामंदिर ये लैब खुले जाएंगे। ऐसे विद्यार्थी जो विज्ञान में अच्छी रुचि रखते हैं उन विद्यार्थियों के लिए ये लैब बेहतर रहेंगे। अब विज्ञान के जरिए आसानी से रोजगार भी पा सकेंगे। गुजरात के अलावा कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना केरल और उत्तराखंड में ये लैब प्रारंभ किए जा रहे हैं।
ये है मकसद
अटल टिंकरिंग लैब का मकसद विद्यार्थियों में इनोवेशन, रचनात्मक सोच और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना है। एडोबी, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम जैसी दिग्गज अंतरराष्ट्रीय टेक कंपनियां अटल इनोवेशन मिशन के तहत साझेदार हैं। इसी योजना के तहत अटल टिंकरिंग लैब की शुरूआत की गई है।
ऐसी होंगी सुविधाएं
इस लैब में 3डी प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और रोबोटिक्स के नए तकनीकों से छात्रों को रूबरू करना। अटल टिंकरिंग लैब बच्चों को 21 वीं सदी के जरूरी कौशल और उनसे मुखातिब होने का मौका देना है। विशेषज्ञों के मुताबिक मशीन लर्निंग, इन्टरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उभरते नए तकनीकों से विद्यार्थियों को अवगत कराना है ताकि वे उद्योगों में कौशल डिमांड को पूरा किया जा सके। अटल टिंकरिंग लैब इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
प्रत्येक लैब के लिए बीस लाख

गुजरात काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (गुजकोस्ट) के सलाहकार नरोत्तम साहू ने बताया कि इसरो ने देशभर में अंतरिक्ष शिक्षा और प्रौद्योगिकी के लिए 100 अटल टिंकरिंग लैब्स को अपनाया है, जिसमें प्रथम चरण मेंं 45 लैब प्रारंभ किए जा रहे हैं और बाद में 55 ऐसे लैब्स प्रारंभ होंगे। इसरो इन स्कूलों को तकनीक और अंतरिक्ष शिक्षा मुहैया कराएगा। इसके लिए 20 लाख रुपए का सरकार से अनुदानित दिया जा रहा है, जिसमें लैब स्थापित करने के लिए पहले दस लाख और बाद में पांच वर्ष तक हर वर्ष दो-दो लाख रुपए चरणबद्ध तरीके से दिए जाएंगे।
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