डॉ पंड्या के साथ-साथ डॉ मयंक चौहाण व उनकी टीम ने महिला का उपचार आरंभ किया जिससे महिला का ऑक्सीजन स्तर पर सुधार देखा गया। बाहर से ऑक्सीजन दिए बिना महिला का ऑक्सीजन का स्तर 99 तक पहुंच गया। सघन उपचार के बाद महिला स्वस्थ हो गई।
डॉ पंड्या ने बताया कि अहम बात यह है कि इस महिला को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं दिया गया। रेमडेसिविर बिना भी महिला स्वस्थ हो गई। उन्होंने अन्य चिकित्सकों से यह भी अपील की कि गंभीर स्थिति में ही रेमडेसिविर का उपयोग किया जाना चाहिए और साथ ही मरीज के परिजनों को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भाग-दौड़ नहीं करनी चाहिए।
महिला जब गत 22 अप्रेल को दाखिल की गई तब उसे प्रतिदिन 15 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत थी। उसे 15 से 25 लीटर तक ऑक्सीजन देकर सघन उपचार करने के बाद मंगलवार को वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई।
डॉ पंड्या ने बताया कि अहम बात यह है कि इस महिला को रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं दिया गया। रेमडेसिविर बिना भी महिला स्वस्थ हो गई। उन्होंने अन्य चिकित्सकों से यह भी अपील की कि गंभीर स्थिति में ही रेमडेसिविर का उपयोग किया जाना चाहिए और साथ ही मरीज के परिजनों को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भाग-दौड़ नहीं करनी चाहिए।
महिला जब गत 22 अप्रेल को दाखिल की गई तब उसे प्रतिदिन 15 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत थी। उसे 15 से 25 लीटर तक ऑक्सीजन देकर सघन उपचार करने के बाद मंगलवार को वह पूरी तरह स्वस्थ हो गई।