जैन ने कहा कि सिविल सर्विसेज परीक्षा में विधि छात्रों को अन्य संकाय वाले छात्रों की तुलना में ज्यादा फायदा होता है। इसका कारण है कि विधि का छात्र सर्वग्राही दृष्टिकोण विकास में सक्षम होता है। साथ ही वे एक मुद्दे पर अलग-अलग कानून और अदालतों के फैसले का अध्ययन करते है। अलग-अलग अदालतों एक ही कानून को लेकर अलग-अलग दृष्टिोकोण होता है। यह प्रशिक्षण सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी और साक्षात्कार के समय काफी मददगार होता है। वहीं आईएएस अधिकारी के रोजमर्रा के कार्य में विभिन्न कानून, नीति निर्माण और उसके क्रियान्वयन में आवश्यक होता है।
जैन ने कहा कि उनके व्यक्तित्व विकास में जीएनएलयू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जीएनएलयू में पिछले पांच वर्षों में पढ़ाई के दौरान कानून और कई विषयों का अध्ययन किया, जो काफी मददगार रहा। पढ़ाई के दौरान सांस्कृतिक गतिविधियां, वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया, जो सर्वागी विकास में मददगार बनीं। विशेषतौर पर मूट कोर्ट स्पद्र्धा से काफी आत्मविश्वास बढ़ा।
जैन ने कहा कि उनके व्यक्तित्व विकास में जीएनएलयू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जीएनएलयू में पिछले पांच वर्षों में पढ़ाई के दौरान कानून और कई विषयों का अध्ययन किया, जो काफी मददगार रहा। पढ़ाई के दौरान सांस्कृतिक गतिविधियां, वाद-विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया, जो सर्वागी विकास में मददगार बनीं। विशेषतौर पर मूट कोर्ट स्पद्र्धा से काफी आत्मविश्वास बढ़ा।
सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को बारीकियां बताते कहा कि पहले पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से जान लें। आवश्यक पुस्तकों और पठन सामग्री को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए। एनसीईआरटी की पुस्तकें काफी मददगार हो सकती हैं। नियमित तौर पर अखबार पढ़ें और वेबसाइट पर ज्ञानवद्र्धक जानकारी हासिल करें। हालांकि पूरा अखबार पढऩा जरूरी नहीं है।
उन्होंने कोचिंग संस्थाएं यूपीएससी की तैयारी में मददगार हो सकती हैं। बेहतर मार्गदर्शन मिलता है और प्रतिस्पद्र्धात्मक माहौल उपलब्ध करा सकती है। हालांकि पाठ्यक्रम पूर्ण करने के लिए अपने-आप पढ़ाई करने का कोई विकल्प नहीं है।