ठगने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 31 आरोपी गिरफ्तार

Fake call center, Cyber crime, Fraud, 31 arrested Ahmedabad, indore, Stock market, शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर लगाते थे चपत, साइबर क्राइम ने म.प्र.के इंदौर में दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा, ४५ कंप्यूटर, १०४ मोबाइल सहित ३.२६ लाख का मुद्दामाल जब्त

<p>ठगने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश, 31 आरोपी गिरफ्तार</p>
अहमदाबाद. शेयर बाजार में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करने वाले कॉल सेंटर का शहर के साइबर क्राइम ने पर्दाफाश किया है। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के विजयनगर में दबिश देकर मौके से 31 आरोपियों को धर दबोचा है। उनके पास से 45 कंप्यूटर, 104 मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित ३.२६ लाख रुपए का मुद्दामाल जब्त किया है।
साइबर क्राइम के अनुसार इस पूरे कॉल सेंटर के मुख्य संचालक चेतन राठौर (२८) एवं इंद्रदेव कुमार मारिक (25) हैं। यह दोनों ही अलग अलग लोगों की टीम बनाकर उन्हें निर्धारित राशि इकट्ठी करने का टार्गेट देते थे। चेतन इंदौर में केंट रोड गुरुकुल कोलोनी में रहता है। मूल गांव उसका इंदौर का राऊ है। इंद्रदेव मूलरूप से बिहार का रहने वाला है फिलहाल इंदौर में विजयनगर में रहता है।
खुद मुंबई की एक इन्वेस्टमेंट कंपनी मेहता इक्विटी एवं मेहता ग्रुप से बोल रहे होने की फर्जी पहचान देकर लोगों को मैसेज एवं कॉल करते थे।
जो लोग शेयर बाजार में निवेश करने के इच्छुक होते उन्हें शेयरों में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा दिलाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपए का निवेश करवाते थे। इसके लिए उन्हें महेता इक्विटी के नाम का फर्जी ईमेल एवं जमा कराए गए रुपए की फर्जी रसीद भी भेजते थे, ताकि उन्हें शंका ना हो।
ग्राहकों का विश्वास जीतकर वह अलग अलग बैंक खातों में उनसे रुपए जमा करवा लेते थे। बाद में जो लोग रुपए मांगते उन्हें अधिक समय तक निवेश करने पर ज्यादा राशि मिलेगी कहकर मनाने की कोशिश करते। जो नहीं मानते उनसे संपर्क काट देते थे। ऐसा करके आरोपियों ने देशभर के लोगों को चपत लगाई होने की बात जांच में सामने आई है।
शहर के एक युवक ने गंवाए १८ लाख
इस साइबर ठग गिरोह का पता उस समय चला जब इस गिरोह की ठगी का शिकार अहमदाबाद के रहने वाले अमित ओझा ने साइबर क्राइम में इसकी शिकायत दर्ज करवाई। अमित से आरोपियों ने १८ लाख ९ हजार रुपए जमा करवा लिए थे। जब उन्होंने राशि मांगी तो आनाकानी करने लगे। शंका होने पर अमित ने मुंबई की महेता इक्विटी में जाकर पता किया तो ठगी का पता चला।
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