कोरोना काल में गुजरात पुलिस की बेहतर कार्यवाही: ४२ हजार का लक्ष्य,४६ हजार से ज्यादा बुजुर्गों का किया पंजीकरण

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<p>कोरोना काल में गुजरात पुलिस की बेहतर कार्यवाही: ४२ हजार का लक्ष्य,४६ हजार से ज्यादा बुजुर्गों का किया पंजीकरण</p>
अहमदाबाद. कोरोना महामारी के दौर में गुजरात पुलिस बेहतर कार्यवाही कर रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात पुलिस के महानिदेशक आशीष भाटिया ने पुलिस को १५ अप्रेल तक ४२ हजार ६०० बुजुर्गों का पंजीकरण करने का लक्ष्य दिया था। उस लक्ष्य को गुजरात पुलिस ने न सिर्फ १५ अप्रेल से पहले पूरा कर लिया है बल्कि उससे ज्यादा ४६ हजार ५३० बुजुर्गों का पंजीकरण किया है।
इतना ही नहीं गुजरात के जिन शहरों और जिलों में इन बुजुर्गों का पंजीकरण हुआ है उन पुलिस थानों की शी टीम बुजुर्गों के घर जाकर उनकी जरूरतों और उनकी सेहत का भी नियमित ध्यान रख रही है। डीजीपी ने पुलिस कर्मचारियों के इस प्रयास की सराहना की है।
सिटी स्केन के तय कीमत से ज्यादा ले रुपए तो करें कार्रवाई
अहमदाबाद. गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आशीष भाटिया ने सभी पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी पर नजर रखने के साथ सिटी स्केन की जांच की कीमत मरीजों से ज्यादा न वसूली जाए उस पर भी नजर रखने को कहा है। गुजरात सरकार ने शुक्रवार शाम को ही राज्य में सिटी स्केन की जांच की कीमत अधिकतम ३००० रुपए निर्धारित की है। ऐसे में डीजीपी ने निर्देश दिया है कि वे डाग्नोस्टिक सेंटर और सिटी स्केन जांच सेंटरों पर नजर रखें कि इससे ज्यादा कीमत मरीजों के परिजनों से न वसूली जाए। यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो उस पर कार्रवाई करें।
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