एसटी की ओर से सरकार की अनुमति के बाद 10 फीसदी मार्गों पर बसों का संचालन शुरू किया गया है। व्यापारियों के अलावा स्कूल-कॉलेजों व कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई करने के लिए आणंद जाने वाले विद्यार्थियोंं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों और विद्यार्थियों को वैकल्पिक साधनों के भरोसे रहना पड़ रहा है।
आणंद एसटी डिपो से चलने वाली बसों में विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ती है। कम संख्या में बस होने से अफरातरफरी का माहौल रहता है। बसों में यात्री ठसाठस भरकर यात्रा करने को विवश हैं। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की संभावना के बीच यात्रियों की मांग है कि रोडवेज शीघ्र ही सोजित्रा और तारापुर क्षेत्र के नियमित बसों का संचालन शुरू करे।
आणंद-सोजित्रा, तारापुर मार्ग पर सुणाव, पीपलाव समेत बड़े गांव स्थित हैं। इसके अलावा तारापुर और सेजित्रा से बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। एसटी डिपो की ओर से पर्याप्त मार्गों पर बसों का संचालन शुरू नहीं किया गया है। इस कारण स्कूल से छुट्टी के बाद विद्यार्थियों को बस में ठूंस-ठूंस कर बिठाया जाता है। विद्यार्थियों में बस पकडऩे के लिए अफरातफरी का माहौल हो जाता है।
बताया गया कि तारापुर गांव के विद्यार्थियों और यात्रिचों ने आणंद एसटी डिपो और तारापुर डिपो में हाल ही में एसटी बसें शुरू करने की मांग डिपो प्रबंधक से की थी। इस बाबत बार-बार मंाग करने पर प्रशासन उनकी मांगे अनदेखी कर रहा है। विद्यार्थियों ने बताया कि तारापुर से आणंद पढ़ाई करने के लिए आवागमन करना पड़ता है। सुबह तारापुर से आने के लिए बस मिलती है, लेकिन दोपहर में आणंद से महज दो बस होने के कारण बस स्टेंड पर एक घंटा खड़ा रहने पर भी बस में जगह नहीं मिलती। इस कारण मजबूरन निजी वाहनों का सहारा पड़ता है।