130 शहर, 7500 से अधिक गांव की यात्रा
यूरोप में नेशनल ज्योग्राफिक में एक पक्षी का फोटो ध्यान में आया जिसमें वह प्लास्टिक की थैली में फंस गई थी। इसके बाद उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान की शुरुआत करते हुए लोक जागरूकता आरंभ किया। यूरोप से भारत लौटने के बाद 17 सितम्बर, 2019 को मुरैनाबाद से साइकिल यात्रा शुरू की। अभी तक उन्होंने सात राज्यों में 130 से अधिक शहरों और 7500 से अधिक गांवों में सम्पर्क कर 26 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी की है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों के विद्यार्थियों से मिलकर सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान और प्राकृतिक खेती के फायदा संबंधी चर्चा की।
यूरोप में नेशनल ज्योग्राफिक में एक पक्षी का फोटो ध्यान में आया जिसमें वह प्लास्टिक की थैली में फंस गई थी। इसके बाद उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के खिलाफ अभियान की शुरुआत करते हुए लोक जागरूकता आरंभ किया। यूरोप से भारत लौटने के बाद 17 सितम्बर, 2019 को मुरैनाबाद से साइकिल यात्रा शुरू की। अभी तक उन्होंने सात राज्यों में 130 से अधिक शहरों और 7500 से अधिक गांवों में सम्पर्क कर 26 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी की है। इस दौरान उन्होंने विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों के विद्यार्थियों से मिलकर सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान और प्राकृतिक खेती के फायदा संबंधी चर्चा की।
ब्रिजेश शर्मा ने बताया कि आज के युग में 70 फीसदी उत्पाद प्लास्टिक आधारित हैं। इसके कारण जमीन और पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है। उन्होंने बताया कि अब वे वडोदरा-सूरत होकर दक्षिण भारत की यात्रा पर जाएंगे। आगामी चार से पांच वर्ष तक वे भारत भ्रमण का इरादा रखते हैं। उन्होंने पुणे की एक युवती कामिनी की चर्चा करते हुए काह कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक की बोतलों में मिट्टी भरकर पौधे उगाती है, फिर इसे दूसरों को देकर सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है।