Coronaviurs फिलहाल नंदलाल को अर्पित नहीं कर सकेंगे फूल, अखंड संकीर्तन कक्ष में प्रवेश पर रोक

– पुजारियों से किसी भी व्यक्तिगत पूजा कथा आदि में न जाने के लिए कहा गया है।
– आगरा के कैलाश पर भी विशेष व्यवस्था

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आगरा/मथुरा। कोरोना वायरस की दहशत का असर अब स्कूल कॉलेजों, सिनेमाघरों के बाद अब भगवान के दर पर भी दिखने लगा है। श्रीकृष्ण जन्म स्थान में बालभोग वितरण, भंडारा और केशवदेव मंदिर में सुबह और शाम का कीर्तन फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। अखंड संकीर्तन कक्ष में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। गुफा झांकी भी फिलहाल बंद कर दी गई है। यहां तक कि मंदिर के पुजारी और कर्मचारी भी बहुत आवश्यक होने पर ही मंदिर परिसर से बाहर जा पा रहे हैं।
व्यक्तिगत कथा पूजा में नहीं जाएंगे पंडित जी

श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा के मुताबिक कोरोना के प्रकोप देखते हुए गाइडलाइन जारी की गई है। पुजारियों को श्रद्धालुओं से एक मीटर की दूरी बना कर रखने और किसी भी व्यक्तिगत पूजा कथा आदि में न जाने के लिए कहा गया है।
भगवान को नहीं टोकरी में चढ़ाएं फूल

यहां तक कि मंदिर में भगवान के लिए श्रद्धालुओं से सीधे माला और पूजा सामग्री स्वीकार नहीं की जा रही। भक्त अब भगवान को नहीं बल्कि मंदिर में रखी एक टोकरी पुष्प अर्पित करेंगे। मंदिर परिसर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। लगातार पोंछा लगवाया जा रहा है। मंदिर में सभी पुजारी और कर्मचारी मास्क लगाकर ही रहेंगे।
साबुन से हाथ धोकर आएं

मंदिर परिसर के बाहर हाथ धोने की उचिक व्यवस्था की गई है। जहां-जहां नल हैं वहां साबुन रखे गए हैं। जन्मस्थान परिसर में कोरोनावायरस के प्रति जागरुक करने व बचाव के उपायों के बैनर भी लगवाए जा रहे हैं।
आगरा के कैलाश पर भी विशेष व्यवस्था

वहीं यमुना किनारे बसे आगरा के पौराकणिक शिवालय कैलाश पर कोरोना को ध्यान में रख कर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। महंत गौरव गिरी ने बताया कि भक्तों से आग्रह किया जा रहा है कि शिवलिंग को स्पर्श न करें। मंदिर परिसर में हाथ धोने क स्थान पर साबुन रखा गया है। सभी श्रद्धालुओं से कहा जा रहा है कि हाथ धोकर ही मंदिर पूजा करने जाएं और जाते समय भी हाथ धोएं। शिव ***** को कपड़े से ढका जा रहा है।
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