रिश्ते के भाई ने पैसों के लेनदेन को लेकर की थी चार लोगों की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा

— थाना कोतवाली क्षेत्र में मां, बेटे और बेटियों के शव एक घर से हुए थे बरामद।

<p>हत्या करने वाले आरोपी</p>
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। आगरा में मां, बेटे और बेटियों की हत्या की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने उधार लिए गए रुपए वापस न करने पड़ें इसलिए उनकी हत्या कर दी थी। तभी से पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी। हत्या करने वाला मृतका का रिश्ते का भाई ही था।
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छह दिन पहले की थी हत्या
थाना कोतवाली आगरा क्षेत्र के कूंचा साधूराम में 22 जुलाई को रेखा और उनके तीन बच्चे टुकटुक, पारस और माही के शव घर में पड़े मिले थे। तभी से पुलिस आरोपी की तलाश कर रही थी। पुलिस ने आरोपी की तलाश के लिए सीसीटीवी खंगाले। इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र पांडेय सहित उनके थाने के कई एसआई और सिपाही इस घटना के खुलासे में लगे हुए थे। मृतका रेखा के घर आने वाले रास्तों की पुलिस ने जांच पड़ताल की। यहां पर एक जूता फैक्ट्री पर लगे सीसीटीवी कैमरे को चेक किया गया। इस फुटेज में मृतका के रिश्ते का भाई संतोष लैपटॉप का बैग लेकर जाता दिखाई दिया। उसे रिश्तेदार ने पहचान लिया। इसके बाद उसके साथी तीन से चार मीटर की दूरी पर पैदल निकले थे। पुलिस ने संतोष की तलाश की। मगर, वह घर पर नहीं मिला। घरवालों ने बताया कि वह नोएडा गया हुआ है। इससे पुलिस का शक बढ़ गया। उसके घर पर एक एक्टिवा भी खड़ी थी। उस पर नंबर नहीं था। पुलिस ने उसके बारे में पता किया तो वह रेखा की निकली। इससे पुलिस का शक पुख्ता हो गया। इस पर पुलिस उसकी तलाश करने लगी। उसे मंगलवार को पुलिस ने पकड़ लिया, उसके साथ वीरू भी पकड़ा गया। अंशुल फरार हो गया। उसकी तलाश की जा रही है।
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पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा
चार लोगों की हत्या का आरोपी संतोष राठौर रेखा का रिश्ते का भाई है। रेखा के पिता विनोद राठौर की बुआ रतनदेवी सीता नगर में रहती हैं। संतोष रतन देवी के बेटे बादाम सिंह का बेटा है। उसकी परचून की दुकान है। पुलिस के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि संतोष ने रेखा से दो लाख रुपये का कर्ज लिया था। इसके अलावा भी कभी दस हजार तो कभी पांच हजार लेकर जाता रहा। इसके बाद रेखा ने उसे अपना स्कूटर भी बेच दिया था। संतोष ना तो कर्ज में लिए रुपये लौटा रहा था और न ही स्कूटर की पूरी रकम अदा कर रहा था। इसी को लेकर रेखा से उसकी अनबन हो गई थी। रेखा उसे फोन करके तगादा कर रही थी। उससे कहा था कि वह मकान बेचकर दिल्ली जाना चाहती है। इसलिए रुपयों की जरूरत है। संतोष के पास कर्ज चुकाने के लिए रुपये नहीं थे। उसने रेखा की हत्या की साजिश रची और 22 जुलाई को उसने मां, बेटे और बेटियों की हत्या कर दी।
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