जाम लगाने के मामले में दस साल बाद आया फैसला, सांसद और महापौर समेत 11 आरोपी हुए बरी

— आगरा कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करने को लेकर लिखा गया था मुकदमा, कोर्ट का आदेश आने के बाद मिली राहत।

<p>Ramshankar Katheriya navin jain</p>
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। धरना प्रदर्शन और जाम लगाने के मामले को लेकर दर्ज हुए मुकदमे में दस साल बाद फैसला आया और कोर्ट ने सांसद व महापौर समेत 11 लोगों को बरी कर दिया। कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा नेताओं ने राहत की सांस ली है।
यह हुआ था मामला
पूरा मामला आगरा में 28 जनवरी 2011 को हुआ था। बरहन में भाजपा कार्यकर्ता के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने के लिए एमजी रोड पर आगरा के तत्कालीन सांसद रामशंकर कठेरिया (वर्तमान में इटावा के सांसद) के नेतृत्व में भाजपाइयों ने एमजी रोड पर जुलूस निकाला था। थाना नाई की मंडी में थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा कि जुलूस में 500 से 600 लोग थे। जुलूस के कलक्ट्रेट पहुंचते पर ही नेता और कार्यकर्ता लोहे के गेट को जबरन धक्का मारकर अंदर घुस गए थे और एमजी रोड पर जाम लगा दिया था। पुलिस ने शांति भंग, बलवा और सरकारी कार्य में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस ने इन्हें किया नामजद
मुकदमे में रामशंकर कठेरिया, वर्तमान मेयर नवीन जैन के अलावा शिव कुमार राजौरा, राजेश कुमार उर्फ पिंकी सक्सैना, जितेंद्र गोयल, अशोक लवानियां, जयदीप सोनकर, अखिलेश चौहान, अनिल चौधरी, प्रमेश उर्फ बॉबी गोला एवं महेंद्र सिंह को नामजद किया गया था। तभी से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था। बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता केके शर्मा की दलीलों और गवाहों के आधार पर विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी करने के आदेश दिए। कोर्ट का आदेश सुनकर भाजपाइयों के चेहरे खुशी से खिल गए।
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