यह भी पढ़ें- Modi Cabinet Reshuffle: सांसद अजय मिश्रा टेनी बनेंगे मंत्री, दिलचस्प रहा है सियासी सफर बता दें कि प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में भी तैनात रहे। इसके बाद वह एक के बाद एक सफलता की सीढ़ी चढ़ते गए और उनकी किस्मत पूरी तरह बदल गई। सीएम के पीएसओ रहने के बाद बघेल लोकसभा और राज्यसभा से सांसद भी रहे। 2017 के विधानसभा चुनाव में टूंडला से जीतकर वे याेगी कैबिनेट में मंत्री बने। इसके बाद लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने उन्हें आगरा सीट से चुनाव मैदान में उतारा और वह चुनाव जीतकर प्रो. एसपी सिंह बघेल सांसद तक पहुंचे।
दरअसल, सत्यपाल सिंह बघेल औरैया जिले के भटपुरा के मूल निवासी हैं। बघेल के पिता रामभरोसे सिंह एमपी पुलिस में थे। जब 1989 में मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने तो उनकी सुरक्षा में तैनात हो गए। अपने साहस, जोश, जज्बे और जुनून से बघेल ने मुलायम सिंह यादव का दिल जीता। जिसका इनाम मुलायम सिंह यादव ने उन्हें 1998 में दिया। जब पहली बार बघेल को जलेसर सीट से सपा के टिकट पर चुनाव में उतारा। वह मुलायम सिंह की उम्मीदों पर खरे उतरे और दो बार सांसद का चुनाव जीते। इसके बाद बसपा ने 2010 में उन्हें राज्यसभा में भेजा। इसके साथ ही पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी सौंपी।
बसपा के टिकट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बघेल ने फिरोजाबाद लोकसभा सीट से सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उनका बसपा से मोहभंग हो गया और वे राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में उन्हें पिछड़ा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। बता दें कि बघेल ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक की भूमिका अदा की। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है। यही वजह थी कि भाजपा ने डॉ. रामशंकर कठेरिया का टिकट काटते हुए बघेल को चुनाव लड़ाया था, जिसके फलस्वरूप आगरा से बघेल ने बड़ी जीत दर्ज की।