एत्मादपुर के मोहल्ला सत्ता निवासी शांति देवी की शादी घटना से 15 साल पहले कछपुरा निवासी नरेश उर्फ लाला से हुई थी। आरोपी पति नरेश टीवी रिपेयरिंग का काम करता था। नरेश शराब पीने का आदी था। इसका शांति देवी विरोध करती थीं। दस नवंबर 2019 को पति-पत्नी में झगड़ा हो गया था। इसी दौरान उसने पत्नी का सिर धारदार हथियार से काट डाला था।
आरोपी नरेश अपनी पत्नी शांति देवी को चार बच्चों के सामने दूसरे कमरे में घसीटकर ले गया था। इसके बाद बांक से पत्नी का सिर काटकर धड़ से अलग कर दिया था। आरोपी पत्नी का सिर कनस्तर में लेकर फरार हो गया था। वह आटो से हरीपर्वत चौराहे पर पहुंचा था। चौराहे पर सिर कनस्तर से निकालने वाला था, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। मृतका के बच्चों को मां का धड़ कमरे में मिला था। इससे घटना की जानकारी हुई थी। इस मामले में शांति देवी के पिता चोब सिंह ने थाना एत्माददौला में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें पति नरेश, ससुर ठाकुरदास, सास मुन्नी देवी और देवर को नामजद किया। कोर्ट साक्ष्य के आधार पर नरेश को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। केस के विचारण के दौरान एडीजीसी देव सिंह सोलंकी और डीजीसी बसंत कुमार गुप्ता ने 13 गवाह और साक्ष्य प्रस्तुत किए। मृतका शांति देवी की बेटी पायल और बेटे अंकित की गवाही अहम रही। उन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया। इस पर कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई।