आगरा

कुछ ऐसा था ट्रेजडी किंग Dilip Kumar का क्रेज, फैंस की भीड़ को उमड़ता देख खुद उठा ली थी कुर्सी

Veteran Bollywood actor Dilip Kumar passes away : दिलीप कुमार ने आगरा में की थी लीडर और विधाता फिल्म की शूटिंग, करीब एक महीना आगरा में बिताया था दिलीप कुमार ने। प्रशंसकों के जेहन में आज भी ताजा हैं उनकी यादें।

आगराJul 07, 2021 / 02:08 pm

lokesh verma

आगरा. Veteran Bollywood actor Dilip Kumar passes away : जाने माने बॉलीवुड फिल्म अभिनता दिलीप कुमार का बुधवार सुबह को बीमारी के चलते निधन हो गया। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। वहीं, आगरा की बात करें तो यहां से उनकी खुशनुमा यादें जुड़ी हैं। उन्होंने यहां 1964 में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म लीडर की शूटिंग बैजयंती माला के साथ की थी। उस दौरान यहां लोकप्रिय गीत इक शहंशाह ने बनवाके हसीं ताजमहल, सारी दुनिया को मोहब्बत की निशानी दी है… के दृश्य फिल्माये गए थे। इसके बाद 1982 में दिलीप कुमार शायरा बानो के साथ आगरा आए थे। उस दौरान दिलीप कुमार ने यहां करीब एक महीना बिताया था। आइये जानते हैं उनके आगरा दौरे कुछ यादगार लम्हे, उनके प्रशंसकों की जुबानी।
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आगरा के कपड़ा व्यापारी रामबाबू गुप्ता दिलीप कुमार के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रामबाबू ने बताया कि पहली बार 1964 में दिलीप कुमार बैजयंती माला के साथ फिल्म लीडर की शूटिंग के लिए आए थे। उस दौरान ताजमहल में लीडर फिल्म का गीत फिल्माया गया था। शूटिंग देखने वह भी पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उस दौरान समय के अभाव में वह गाने की शूटिंग होते ही लौट गए थे। इसके बाद 1982 में दिलीप कुमार दूसरी बार फिल्म विधाता की शूटिंग के लिए आगरा पहुंचे। उस दौरान उनकेे साथ सायरा बानो के अलावा अभिनेता संजय दत्त, अमरीश पुरी और डायरेक्टर सुभाष घई भी आए थे। सभी लोग उस दौरान होटल मुगल शेरेटन में रुके थे, जिसका वर्तमान में नाम आईटीसी मुगल है। रामबाबू ने बताया कि उस दौरान फिल्म की शूटिंग करीब महीना भर चली थी और दिलीप कुमार पूरे समय आगरा में रुके थे।
कंपलीट आर्टिस्ट थे दिलीप कुमार

पुरानी यादों को फिर से ताजा करते हुए आगरा के गजल गायक सुधीर नारायन कहते हैं कि उस समय मेरे करियर की शुरुआत हो रही थी। उस दौरान होटल में गीत-संगीत की महफिल का आयोजन किया गया था। खुद दिलीप कुमार भी वहां गीत-संगीत का लुत्फ लेने पहुंचे थे। उस रात करीब साढ़े तीन बजे तक गीत-संगीत की वह महफिल चली थी। नारायन ने बताया कि दिलीप कुमार ने उनकी गायकी को काफी सराहा था। उस दौरान उन्होंने मुझे काफिया और गजल की जानकारी भी दी थी। नारायन कहते हैं कि दिलीप कुमार एक पूर्ण कलाकार थे। उन्हें एक्टिंग के साथ गीत-संगीत और भाषा की भी अच्छी जानकारी थी। उन्हें अंग्रेजी और उर्दू का अच्छा ज्ञान था।
दिलीप कुमार ने उठाई थी कुर्सी

नारायन कहते हैं कि उस दौरान ट्रेवल ट्रेड से जुड़े राजकुमार कासलीवाल की तरफ से एक कार्यक्रम का आयोजन कराया गया था। उस कार्यक्रम में उन्होंने भी प्रस्तुति दी थी। लोगों की भीड़ दिलीप कुमार और सायरा बानो के नजदीक जाकर तस्वीर खिंचवाने और उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए निवेदन कर रही थी, जिससे वह काफी परेशान हो गए और दिलीप कुमार और सायरा बानो खुद कुर्सी उठाकर स्टेज के आगे उनके पास आ गए। यह देख लोग हैरान रह गए थे। नारायन ने बताया कि 90 के दशक में ही राजघाट पर एक कार्यक्रम में भी उन्हें दिलीप कुमार के सामने प्रस्तुति देने का अवसर मिला था। मेरी प्रस्तुति के बाद उन्होंने मेरा विजिटिंग कार्ड भी मांगा था।
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