देश में ताजनगरी की आबोहवा सबसे खराब, कार्बन मोनोक्साइड की मात्रा 32 गुना अधिक

Highlights
– आगरा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 229 पहुंचा
– धूल के कणों की मात्रा सामान्य से छह गुना अधिक
– पीएम 2.5 की मात्रा अधिक होने के कारण वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में

आगरा. कोरोना लॉकडाउन के बाद अनलॉक-4 फैक्ट्रियां खुलने और वाहनों की आवाजाही शुरू होने के साथ खुदाई कार्य के चलते लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air quality index) बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से बुधवार को रिपोर्ट के अनुसार आगरा (Agra) वायु प्रदूषण के मामले में पहले नंबर पर पहुंच गया। आगरा में एक्यूआई 229 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया है।
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अनलॉक-4 में आगरा की आबोहवा दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को आगरा देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पहले स्थान पर रहा। यहां एक्यूआई 229 दर्ज किया गया, जबकि मंगलवार के एक्यूआई 194 के आसपास था। बता दें कि हवा में अति सूक्ष्म कणों ( पीएम 2.5 ) की मात्रा अधिक होने के कारण वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच रही है।
आगरा में बुधवार को धूल के कणों की मात्रा सामान्य से छह गुना अधिक पाई गई। जबकि कार्बन मोनोक्साइड की मात्रा सामान्य से 32 गुना अधिक रही। सितंबर में बारिश नहीं होने के चलते ताजनगरी देश के टॉप-10 शहरों की लिस्ट में बनी हुई है। शहर में जगह-जगह चल रही खुदाई और धूलकणों की मात्रा बढ़ने के कारण एक्यूआई बढ़ने की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है।
बता दें कि सीपीसीबी के मुताबिक एक्यूआई 0-50 तक रहना पर अच्छा माना जाता है। जबकि 51-100 तक रहने पर संतोषजनक और 101-200 तक मध्यम वहीं, 201-300 तक रहने पर खराब माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार वायु की गुणवत्ता अधिक समय तक खराब रहने की स्थिति मेंं लोगों को सांस की तकलीफ हो सकती है।
शहर एक्यूआई

आगरा 229

फरीदाबाद 228

मुरादाबाद 212

भिवाड़ी 177

मेरठ 176

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