एएसआई को एटा में मिला 1500 साल पुराना मंदिर

– अवशेष में मिले गुप्तकाल से जुड़े तथ्य

<p>एएसआई को एटा में मिला 1500 साल पुराना मंदिर</p>
आगरा. यूपी के एटा जिले के बिलसढ़ गांव में नियमित सफाई के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को 1500 साल पुराने मंदिर के अवशेष मिले हैं। इस मंदिर को पांचवीं शताब्दी के गुप्तकाल का बताया जा रहा है। खुदाई में मिले मंदिर के अवशेष में सांख्यलिपि का प्रयोग किया गया है। जिसमें महेंद्रादित्य (Sri Mahendraditya) के नाम का जिक्र आता है। महेंद्रादित्य गुप्तकालीन शासक कुमारगुप्त प्रथम (Kumaragupta I ) थे। कुमारगुप्त प्रथम ने 5वीं शताब्दी में 40 साल तक राज किया था।
सांख्यलिपि प्राचीन शैली की लिखावट :- सांख्यलिपि (Shankhalipi ) एक प्राचीन शैली की लिखावट है। चौथी से छठी शताब्दी में प्रयोग में लाई जाती थी। इस लिखावट का प्रयोग नाम और हस्ताक्षर में किया जाता था। एएसआई ने जिस मंदिर की खोज की है यह गुप्तकाल (Gupta dynasty) का तीसरा मंदिर है। बताया जाता है कि सर्वप्रथम गुप्त शासकों ने ही ब्राह्मणों, बौद्ध और जैन अनुयायियों के लिए संरचनात्मक मंदिरों का निर्माण कराया था, उससे पहले सिर्फ चट्टानों को काटकर ही मंदिर बनाए जाते थे।
मंदिर के अवशेषों तक पहुंची टीम :- बिलसढ़ का यह इलाका वर्ष 1928 से ही संरक्षित क्षेत्र में आता है। एएसआई आगरा सर्कल के पुरातत्व अधीक्षक वसंत स्वर्णकार (Vasant Swarnkar,) बताते हैं कि, वहां से दो नक्काशीदार खंभे मिले हैं। यहां पहले भी लघु मानव मूर्ति मिल चुकी है। हमने और खुदाई कराई, जिसके बाद वहां सीढ़ियां मिलीं। जिसके सहारे एएसआई टीम प्राचीन मंदिर के अवशेषों तक पहुंच गई। हर मॉनसून के आसपास एएसआई अपने संरक्षित स्मारकों और साइटों की सफाई करवाता है।
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