ये क्या ! मृतक को ही लगा दिया कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज

– स्वास्थ्य विभाग का कमाल, मृत महिला के नाम पर जारी किया सर्टिफिकेट..

आगर-मालवा. वैक्सीनेशन अभियान में आगर जिला प्रदेश में अच्छा मुकाम हासिल करे इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई कसर नही छोड़ी जा रही है। स्थिति यह है कि अब फर्जी आंकड़े भी सामने आने लगे हैं। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग का एक कारनामा सामने आया है जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कागजों में मृत महिला को कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगा दिया। जबकि सच्चाई ये है कि पहला टीका लगने के बाद ही महिला की मई के महीने में मौत हो चुकी है। जब मृतका के परिजन के पास कोरोना वैक्सीन लगने का मैसेज पहुंचा तो वो हैरान रह गए।

मृतका को लगा दिया दूसरा डोज !
मामला कुछ इस प्रकार है कि छावनी नाका वार्ड नंबर 16 निवासी विद्या शर्मा का 1 मई 2021 को जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने पर उपचार के दौरान निधन हो गया था। विद्या शर्मा के बेटे आशुतोष शर्मा ने बकायदा उसी अवधी में उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी बनवा लिया गया था। आशुतोष के अनुसार उनकी 65 वर्षीय माता को निधन के पूर्व 8 मार्च को कोविशील्ड का पहला डोज लगा था और निर्धारित अवधि आने से पूर्व ही उनका निधन हो गया था। 17 सितंबर को आशुतोष के मोबाइल पर टेक्स मैसेज आया जिसमें उनकी माता जी विद्या शर्मा को कोविशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज लगने की जानकारी थी और प्रमाण पत्र भी डाउनलोड करने का ऑप्शन था। पहले तो आशुतोष मैसेज पढ़कर हैरान रह गए और फिर उन्होंने वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट डाउनलोड कर लिया। आशुतोष शर्मा का कहना है कि इस तरह फर्जी तरीके से वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है जिसकी जांच होना चाहिए, संभवत: और भी लोगो के साथ ऐसा हुआ होगा।

 

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अभियान की वास्तविकता पर उठे सवाल
विद्या शर्मा के नाम से दूसरा डोज लगाए जाने का मामला सामने आने से वैक्सीनेशन अभियान की वास्तविकता पर भी सवाल उठने लगे है। यदि महाअभियान के दौरान दर्ज किए गए आंकड़ो की बाजीगरी की जांच की जाए तो कई तरह के खुलासे हो सकते है। विधायक विपिन वानखेड़े से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि कोरोना काल मे भी मृत्यु के आंकड़े छुपाए गए थे। आगर मे कुछ भी हो सकता है यहां जमकर फर्जीवाड़ा चल रहा है। वैक्सीनेशन अभियान में गलत आंकड़े दर्ज कर वाहवाही लूटी जा रही है जबकि वास्तविकता कुछ ओर ही है। मृतकों के नाम पर टीके लगाए जा रहे हैं, इसकी निष्पक्ष जांच होना चाहिए। वहीं इस मामले में जब जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर राजेश गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना था कि आपके माध्यम से ही जानकारी मिल रही है मृतक के नाम पर वैक्सीन लगाना संभव नहीं है। कहीं न कहीं सॉफ्टवेयर की त्रुटि हो सकती है, कहां और किससे गलती हुई है पूरे मामले की जांच की जाएगी।

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