Patrika Positive News : मुस्लिम समुदाय ने हिंदू रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार, परिजन को चैन्नई कराए ऑनलाइन दर्शन

इलाके में रह रहे एक हिंदू युवक की मौत के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पूरे हिंदू रीति-रिवाज से मृतक का अंतिम संस्कार किया। यही नहीं, अंतिम सस्कार के दौरान चैन्नई में रह रहे मृतक के परिजन को उनके ऑनलाइन अंतिम दर्शन भी कराए।

<p>Patrika Positive News : मुस्लिम समुदाय ने हिंदू रीति-रिवाज से किया अंतिम संस्कार, परिजन को चैन्नई कराए ऑनलाइन दर्शन</p>

आगर मालवा/ मध्य प्रदेश के आगर मालवा में कोरोना महामारी के बीच एक बार फिर सौहार्द्र और भाईचारे की मिसाल देखने को मिली है। शहर के एक इलाके में रह रहे एक हिंदू युवक की मौत के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पूरे हिंदू रीति-रिवाज से मृतक का अंतिम संस्कार किया। यही नहीं अंतिम सस्कार कराने वाले लोगों ने चैन्नई में रह रहे मृतक के परिजन को उनके ऑनलाइन अंतिम दर्शन भी कराए।

 

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25 सालों से शहर में रह रहा था चैन्नई का मूल निवासी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहर के अर्जुन नगर इलाके में इस्हाक खान नामक व्यक्ति के मकान में मूल रूप से चैन्नई के करुथकन्नादेवर के रहने वाले 50 वर्षीय इलियाराजा उर्फ राजा अन्ना किराए से रहते थे। राजा अन्ना शहर में पापड़, पिंगल और अन्य खाद्य सामग्री का व्यवसाय करते थे। उनके परिवार में पत्नी रानीबाई, दो बेटियां और 12 वर्षीय बेटा रहता है। अन्ना पिछले 25 सालों से आगर में ही रह रहे थे और यहीं व्यवसाय भी कर रहे थे।

 

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मददगार बने इलाके के मुसलमान

बताया जा रहा है कि, बुधवार को अचानक राजा अन्ना के पेट में दर्द उठा था। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार के मुखिया की मौत के कारण घर के अन्य सभी सदस्य बदहवास अवस्था में थे। वहीं, मकान मालिक इस्हाक खान को पता था कि, राजा अन्ना पिछले 25 सालों से आगर मालवा में ही रह रहे हैं और उनके सभी रिश्तेदार चैन्नई में ही रहते हैं। ऐसे में इस्हाक खान ने शोकाकुल परिवार से पूछा कि, मृतक का अंतिम संस्कार आगर में ही करेंगे या चैन्नई जाएंगे। ऐसे में जिले समेत प्रदेशभर में लॉकडाउन के कारण शोकाकुल परिवार के लिये इतने लंबे समय बाद अपने मूल शहर जाना असंभव था। ऐसे में इस्हाक खान ने शोकाकुल परिवार को तसल्ली देते हुए मृतक का अंतिम संस्कार करने की इच्छा जताई। इसपर शोकाकुल परिवार द्वारा अनुमति दे दी गई।

इलाके के लोगों ने की इस्हाक खान की मदद

मृतक के अंतिम संस्कार को न सिर्फ इस्हाक खान बल्कि इलाके में रहने वाले अन्य लोग भी शामिल हुए। ऐसे में मदद को आगे आए मुस्लिम समुदाय के लोगों को हिंदू रीति-रिवाज से दाह संस्कार करने की जानकारी नहीं थी, ऐसे में उन्होंने शहर के समाज सेवक सुधीर भाई जैन को रीति-रिवाज की जानकारी देने के लिये बुला लिया।

 

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निभाई सभी परम्पराएं

एक तरफ जहां सुधीर भाई जैन ने हिन्दू रीति-रिवाजों की जानकारी देते गए, तो वहीं दूसरी तरफ इस्हाक खान और अन्य मुस्लिम समुदाय के लोग परम्परागत सारी प्रक्रिया निभाते रहे। उन्होंने अर्थी सजाई, कंधा दिया फिर श्मशान में लकड़ियां भी जमाई। अर्जुन नगर कॉलोनी से परम्परानुसार अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें दर्जनों मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए। यही नही शहर के मोती सागर तालाब के मुक्तिधाम पर अन्ना के बेटे के हाथों विधि विधान से दाह संस्कार कराया।

 

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मृतक के परिवार को चैन्नई कराए अंतिम दर्शन

सुधीर भाई जैन ने बताया कि मृतक के बेटे शिवा ने चैन्नई में रह रहे परिजनों के नंबर दिए। सभी परिजन को मुक्तिधाम से मोबाइल पर अंतिम दर्शन भी कराए गए। आगर में इसी तरह साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण बना रहे। उन्होंने कहा दाह संस्कार में शामिल सभी मुस्लिम भाइयों के हम आभारी हैं। वो राजा अन्ना की अचानक मौत हो जाने से परिवार के अन्य सदस्यों को संभालने मुस्लिम महिलाएं मृतक के घर पहुंचीं। बदहवास परिजन के साथ ढांढस बंधाते हुए उन्हें संभाला।

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