जिम्बाब्वे संकट: इस्तीफा देने का समय निकाला, मुगाबे के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया होगी शुरू

मुगाबे पर महाभियोग चलाने का यह फैसला तब लिया गया है, जब मुगाबे ने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया।

नई दिल्ली। जिम्बाब्वे की सत्तारूढ़ पार्टी जानू-पीएफ राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे के खिलाफ संसद में महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार है। मुगाबे पर महाभियोग चलाने का यह फैसला तब लिया गया है, जब मुगाबे ने जिम्बाब्वे संकट को समाप्त करने के लिए पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। जानू-पीएफ के प्रवक्ता साइमन खाया मोयो ने संवाददाता सम्मलेन में बताया कि पार्टी ने संसदीय समूह के प्रमुख को मंगलवार को मुगाबे के खिलाफ अविश्वासमत लाने का निर्देश दिया। जानु-पीएफ के 260 में से 30 सदस्यों ने मुगाबे पर महाभियोग के पक्ष में वोट दिया। जिम्बाब्वे में यह संकट उस समय खड़ा हुआ, जब मुगाबे ने पूर्व उपराष्ट्रपति इमर्सन नांगागवा को बर्खास्त कर दिया क्योंकि वह मुगाबे की पत्नी ग्रेस के राष्ट्रपति बनने की राह का रोड़ा थे।

इस्तीफा देने से किया इनकार

बता दें कि जिम्बाब्वे में सत्ता को लेकर घमासान मचा है। पहले जिम्बाब्वे की सत्तारुढ़ पार्टी ने दावा किया था कि सेना ने राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को हिरासत में ले लिया है। जबकि दो पूर्व मुगाबे पार्टी के साथ एक बैठक में नजर आए। वहां जनता ने मुगाबे से इस्तीफा देने की मांग की है। जबकि सत्ताधारी पार्टी ने भी उनसे इस्तीफा मांग लिया है। पहले मुगामे ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार दिया था, जिसके बाद पार्टी ने उनको इस्तीफा न देने उनके खिलाफ महाअभियोग चलाने की चेतावनी दी थी। अब चूंकि उनको इस्तीफे के किए दिया गया समय खत्म हो गया है तो पार्टी ने अपने सभी सांसदों की बैठक बुलाकर मुगाबे के खिलाफ महाअभियोग की तैयारी शुरू कर दी।

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