कांगो में इबोला वायरस का कहर, डब्ल्यूएचओ ने तैयार किया आपातकालीन कार्यक्रम

इबोला एक संक्रामक और घातक बीमारी है जो वायरस के जरिये फैलती है

<p>कांगो में इबोला वायरस का कहर, डब्ल्यूएचओ ने तैयार किया आपातकालीन कार्यक्रम</p>

किंशासा। अफ्रीकी देश कांगों में घातक इबोला वायरस ने फिर से आतंक मचाया हुआ है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडहानॉम ने सोमवार को कांगो में इबोला के फैलने के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों के तहत एक आपातकालीन समिति का गठन किया है। अफ्रीकी राष्ट्र कांगों में इबोला के मामलों में हुई हालिया बढ़ोतरी के बाद एडहानॉम ने ट्विटर पर एक बयान जारी करते हुए कहा, “मैंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में इबोला की स्थिति पर अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के तहत आपातकालीन समिति गठित की है। समिति बुधवार को यह तय करने के लिए बैठक करेगी कि क्या इबोला का प्रकोप अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के लिए आपातकालीन चिंता का विषय है।”

कांगों में इबोला का कहर

डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में इबोला वायरस रोग के 29 नए मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि कुल आंकड़ा 211 तक पहुँच चुका है। इनमें से 135 लोगों ने घातक बीमारी के कारण अपनी जान गंवा दी है।संगठन ने कहा कि मामलों की देर से रिपोर्टिंग के कारण रुझानों को कम करके आंका गया। स्वास्थ्य संगठन ने आगे कहा कि महिलाओं को मामलों के अधिक अनुपात के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके अलावा नए मामलों में से कम से कम ऐसे हैं जिनके घर या रिश्तेदारी में इबोला पहले ही फैल चुका है।

सतर्क है डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ की आधिकारिक वेबसाइट पर उल्लेख किया गया है कि संगठन अफ्रीकी देश कांगो सहित पड़ोसी देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य की स्थिति का बारीकी से निगरानी कर रहा है। हालांकि यह कहा गया है कि पड़ोसी देशों में अभी इबोला फैलने के कोई समाचार नहीं हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा इस समय मास टीकाकरण अभियान चलाए जा रहे हैं। संयुक्त राज्य अमरीका के रोग नियंत्रण और रोकथाम (सीडीसी) के विशेषज्ञों को ईबोला प्रकोप के संबंध में सुरक्षा चिंताओं के कारण अपने देश के प्रयासों को वापस खींच लिया है।

क्या है इबोला

इबोला एक संक्रामक और घातक बीमारी है जो वायरस के जरिये फैलती है। तेज बुखार और गंभीर आंतरिक रक्तस्राव इस बीमारी के गंभीर लक्षण हैं। ईबोला वायरस की पहली बार 1976 में पहचाना गया था। 2013-2016 पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप के चलते 11,300 से अधिक मौतें हुईं। बता दें कि इबोला संक्रामक व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रामक व्यक्ति के कपड़े, थूक, लार आदि से यह बीमारी तेजी से फैलती है।

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