कांगो में इबोला का प्रकोप जारी, अब तक 759 से अधिक मामले आए सामने

अब इस वायरस के आतंक के थमने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।

<p>कांगो में इबोला का प्रकोप जारी, अब तक 759 से अधिक मामले आए सामने</p>

किंशासा। पूर्वी कांगो में फैला इबोला का प्रकोप इतिहास में दूसरा सबसे घातक प्रकोप है। बीते शुक्रवार को यहां इस बीमारी के फैले छह महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन अभी भी इसका कहरा रूकने का नाम नहीं ले रहा है। अब जानकारी मिल रही है कि इसका प्रभाव गोमा शहर की सीमा की और बढ़ रहा है। इसके बाद अब इस वायरस के आतंक के थमने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है।

सामने आ चुके हैं 759 से अधिक मामले

आपको बता दें कि ये अब तक सबसे घातक इबोला प्रकोप माना जा रहा है। कांगो के स्वास्थ मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में 759 मामलों का जिक्र किया है। इनमें सें 705 को इबोला होने की पुष्टि की जा चुकी है और 414 लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर शिकार महिलाएं और बच्चे हैं।

वैक्सीन का किया जा रहा है परीक्षण

इबोला से बचाव के लिए करीब 70 हजार से ज्यादा लोगों को एक एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन लगाई गई है, जिसके परिणाम का अभी इंतजार है। आपको बता दें कि इबोला ऐसी घातक बीमारी है जो खास विषाणु के जरिए फैलती है। ये एक तरह का संक्रामक रोग है, यानी इबोला से संक्रमित व्यक्ति के आसपास आने वाले लोगों में बीमारी लगने का खतरा है। यहीं नहीं संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, थूक, लार आदि के संपर्क में आने से यह बीमारी तेजी से फैल सकती है। तेज बुखार आना और गंभीर आंतरिक रक्तस्राव होना इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में से एक हैं।

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