अफ्रीकी देश अंगोला ने 44 साल बाद लागू की नई दंड संहिता, समलैंगिक संबंधों को बताया वैध

जेंसी के मुताबिक 1975 में पुर्तगाल से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद अंगोला की संसद ने पहली बार 23 जनवरी को एक नई दंड संहिता अपनाई, जिससे समलैंगिक संबंधों के खिलाफ बने प्रवाधान को हटाया जा सका।

<p>अफ्रीकी देश अंगोला ने 44 साल बाद लागू की नई दंड संहिता, समलैंगिक संबंधों को बताया वैध</p>

लुआंडा। कुछ समय पहले ही भारत में समलैगिंकता को कानूनी रूप से वैध करार दिया गया था। अब धीरे-धीरे दुनिया के कई देश इसे अपनाती नजर आ रही है। इसी क्रम में एक अफ्रीकी देश ने समलैगिक रिश्तों को वैध करार दे दिया है। मीडिया रिपोर्ट में ह्यूमन राइट्स से संबंधित एक एजेंसी के हवाले से यह जानकारी दी है। एजेंसी के मुताबिक अंगोला की सरकार ने ऐसे कानून बनाए जो लोगों के साथ उनके लैंगिक झुकाव या आकर्षण के आधार पर भेदभाव करने पर रोक लगाते हैं।

संसद ने पहली बार 23 जनवरी को एक नई दंड संहिता अपनाई

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे लोगों के साथ भेदभाव करने वालों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाए जाएंगे। कानून के मुताबिक जो लोग लैंगिक झुकाव या आकर्षण के आधार पर समलैंगिकों को नौकरी देने से मना करते हैं, उन्हें नए कानून के तहत दो साल की जेल हो सकती है। एजेंसी के मुताबिक 1975 में पुर्तगाल से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद अंगोला की संसद ने पहली बार 23 जनवरी को एक नई दंड संहिता अपनाई, जिससे समलैंगिक संबंधों के खिलाफ बने प्रवाधान को हटाया जा सका।

समलैंगिक संबंधों को वैध करार

गुरुवार को छापी अपनी रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा, ‘औपनिवेशिक अतीत की इस पुरातन और बुरी विरासत को अलग रखकर और भेदभाव को दूर कर अंगोला ने समानता को अपनाया है।’ गैर सरकारी संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक बयान में अंगोला के सांसदों के इस कदम की सराहना की है। बता दें कि इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में है। बता दें कि अंगोला उन अफ्रीकी देशों में शामिल हो गया है जिनमें समलैंगिक संबंधों को वैध करार दिया गया है।

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