लाभर्थियों को नहीं मिली राशि इतना ही नहीं बल्कि ग्राम पंचायत निधि से करौंदी गांव में बनवाई गई इंटरलॉकिंग सड़क पहली बरसात में ही लगभग 15 मीटर बह गई, जो अनियमितता व भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए अपने आप में ही काफी है। शौचालय का निर्माण ग्राम प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी अपने आदमियों से करा रहा है। किसी भी लाभार्थी के खाते में अनुदान के 12 हजार की राशि को नहीं भेजा गया। दबंगई के बल पर अपने आदमियों से शौचालय का निर्माण अनियमितता पूर्ण कराया जा रहा है। ग्राम सभा में आधे अधूरे शौचालय का निर्माण प्रधान ने सेक्रेटरी/सहायक विकास अधिकारी पंचायत संग्रामपुर की शह पर मानक के विपरीत कराया।
करौंदी गांव में बने शौचालय की छत आज तक नहीं हो सकी और न ही शौचालय के गड्ढे के ऊपर ढक्कन ही लगा। शौचालय निष्प्रयोज्य साबित हो रहा है। करौंदी ग्राम सभा को ओडीएफ गांव अधिकारियों की मिलीभगत से घोषित करने की तैयारी हो रही है। मोदी सरकार की पहल है कि गांव के हर घर में शौचालय हो लेकिन आज भी स्थिति यह है कि गांव में खुले में शौच किया जाता है। इससे संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।