16 दिसंबर 2012 को सामुहिक बलात्कार का शिकार हुई निर्भया के दर्द को पूरे देश ने महसूस किया। लेकिन उनके माता-पिता पर जो बीती है वो शायद कोई भी जान नहीं सकता। 5 साल बाद आज वो इस दर्द से धीरे-धीरे बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं। और वहज है उनके बेटे और निर्भया का भाई जो आसमान छूने से अब बस चंद कदम दूर है। निर्भाया के माता-पिता बेहद खुश हैं और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने की पीछे कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस उपाध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी हैं।
निर्भया का भाई बना पायलट- निर्भया के पिता बद्रीनाथ और आशा कुमारी, जो यूपी के बलिया जिले से हैं, कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रशंसा करते नहीं थक रहे। उनका मानना है कि निजी विमान सेवाओं के साथ उनके पायलट बेटे की दो महीने पुरानी नौकरी निर्भयता, ताकत और नई आशाओं का प्रतीक है जिसके साथ निर्भया हमेशा अागे बढ़ती थी।
राहुल ने की 32 लाख रुपए की मदद दी- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उ़डान अकादमी (आईजीआरयूए), जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में खोला था, में एक वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (सीपीएल) के लिए पाठ्यक्रम शुल्क 32 लाख रुपये है। राहुल आईजीआरयूए की शासी परिषद के 11 सदस्यों में से एक हैं। अन्य सभी सदस्य केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हैं।
राहुल लगातार रहते हैं निर्भया के परिवार से सम्पर्क में- निर्भया की मां आशा ने कहा, “हम इस राशि को बैंकों या निजी उधारदाताओं से नहीं ले सकते थे। यह राहुलजी और उनके परिवारीजन थे जिन्होंने मेरे बेटे की शिक्षा के लिए पैसे खर्च किए थे और रायबरेली में रहने के लिए इंतजाम किए। राहुल और प्रियंका दोनों ही मेरे बेटे से मिले और उसकी प्रगति के बारे में मुझसे बात करते थे। उन्होंने मेेरे बेटे के करियर पर काफी ध्यान दिया।”
बेटे को दिया पायलट बनने का सुझाव-
उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी ही हैं जिन्होंने हमारे बेटे को सहारा देने के खातिर कुछ अच्छा करने और लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया। राहुल हमेशा हमसे और हमारे बेेटे के संपर्क में रहे। यह जानने के बाद कि बेटा डिफेंस फोर्स ज्वॉइन करना चाहता है, राहुल ने उसे स्कूल पूरा करने के बाद पायलट की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी ही हैं जिन्होंने हमारे बेटे को सहारा देने के खातिर कुछ अच्छा करने और लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया। राहुल हमेशा हमसे और हमारे बेेटे के संपर्क में रहे। यह जानने के बाद कि बेटा डिफेंस फोर्स ज्वॉइन करना चाहता है, राहुल ने उसे स्कूल पूरा करने के बाद पायलट की ट्रेनिंग लेने का सुझाव दिया।
“राहुल और प्रियंका के साथ हैं हमारा आशीर्वाद”- आशा कहा, “हमारा बेटा अपनी योग्यता पर नौकरी हासिल कर राहुल गांधी का एहसान चुकाना चाहता हैं। हम राजनीतिक नहीं हैं। मुझे यह भी पता नहीं है कि क्या राहुलजी या प्रियंका गांधी की कोई प्रधान मंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है, लेकिन मैं कह सकती हूं कि वो जो भी करियर चुनते हैं, उसके लिए उनके साथ हमारा आशीर्वाद हैं।”