गौरीगंज तहसील के सकरावां और पहाड़पुर गांव का मामला
गौरीगंज तहसील के सकरावां और पहाड़पुर गांव के 164 किसान परिवार पिछले कुछ दिनों से चुनाव का बहिष्कार का बोर्ड लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पीड़ित किसानों का आरोप है कि जिला कारागार निर्माण के लिए उनकी जमीन पर महकमे ने कब्जा तो कर लिया, लेकिन जमीन के मुआवजे के लिए किसान अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। 120 बीघा जमीन का अधिग्रहण कर किसानों को 6000 रुपए वर्ग फिट की जगह 2400 रुपए वर्ग फिट से मुआवजा दिया गया है। किसान निर्मला सिंह, अजय सिंह और लवकेश पाण्डेय का कहना है की हमारी जमीन का सहमति पत्र 2014 में लिया गया है और 2016-17-18 में रजिस्ट्री करवाई गई। जबकि जियो है कि सहमति के एक साल के बाद जो वर्तमान सर्किल रेट है, उसे दिया जाए।
डीएम से लेकर राज्यपाल तक की शिकायत नहीं हुई सुनवाई
इसके बाद से किसान निरंतर शिकायत कर रहे। डीएम से लेकर राज्यपाल तक शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। किसानों का आरोप है कि प्रशासन ने हमारे साथ धोखाधड़ी की है, हम लोग लगातार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते रहे हैं, लेकिन हम लोगों की कहीं सुनवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं डीएम ने भी हमें गुमराह किया। जब हमारी कहीं सुनी गयी तो हमने ग्राम सभा के बाहर चुनाव बहिष्कार का बोर्ड लगाकर विरोध शुरू कर दिया। इतना ही नहीं पीड़ित किसान दुर्गापूजा के बाद बड़े पैमाने पर अनशन और इससे बात न बनने पर आत्मदाह की चेतावनी दे रहे हैं। इस मामले में डीएम शकुंतला गौतम का कहना है कि जांच कराई जा रही है, इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।