दबंगों ने मकान के दरवाजे को ही ईंट से बन्द करा दिया और वहां दीवार खड़ा करा दिया उसमें भी दबंगों ने अपनी जमीन पर पीड़ित परिवार पर जबरन कब्जा कर लेने की बात कही गई है। यही नहीं यह आवास जो दिखाई पड़ रहा है यह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले पैसे और पीड़ित व्यक्ति द्वारा खुद के पैसे जो उसे ज़कात में मिले थे, को जोड़कर बनाया गया है। इसके बाद भी प्रशासन दबंगों द्वारा खड़ी की दीवार नहीं हटा रहा है। इससे पूरा परिवार खुले आसमान के निचे पन्नी तानकर रहने व भोजन बनाने खाने को मजबूर हैं।
पीड़ित परिवार का कहना है कि इस स्थान पर वह पिछले चालीस साल से छप्पर बनाकर रह रहा है। उसके लिए यह कोई नया स्थान नहीं है। मकान बन रहा था तब किसी को कोई परेशानी नहीं हुई पर बन जाने के बाद गांव के कुछ लोगों ने यह स्थिति उत्पन्न कर दी है। घर का दरवाजा से सटाकर दीवाल उठा लिया है और घर के अंदर जाने का रास्ता ही बंद हो गया है। घर के छोटे बच्चे ही दीवाल फांद कर अंदर बाहर आते जाते हैं। बारिश के मौसम में बच्चे भीगते हैं। पीड़ित ने बताया कि अभी तक कोई भी अधिकारी वहां देखने तक नहीं गया। इस पर जब दीवाल बनाने वाले लोगों से बात की गई तो उनका कहना है कि उनकी जमीन पर समशाद आदि ने कब्जा कर लिया है। उस परिवार पर एन्टी भूमाफिया के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। जमीन मेरी है इसलिए मैंने अपनी ज़मीन पर दीवाल बनाना चाहता हूं। यह शासन की लचर व्यवस्था है जो ग्राम समाज की छूटी जमीन पर इस तरह लोग अपना कब्जा कर रहे हैं।
वहीं पर जब इस मामले पर जिलाधिकारी अमेठी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आपके द्वारा दिखाए गए वीडियो में यह घर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बना नहीं दिखाई दे रहा है। फिर भी यह दीवाल जो दिखाई दे रही है इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।