ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को कांग्रेस को सूचित किया कि पाकिस्तान को सैन्य सहायता के रूप में 25.5 करोड़ डॉलर वह एक एस्क्रो खाते में रख रहा है जिसका इस्लामाबाद तभी इस्तेमाल कर पाएगा जब वह अपने यहां मौजूद आतंकी नेटवर्कों पर और कार्रवाई करेगा। ये वे आतंकी नेटवर्क हैं जो पड़ोसी अफगानिस्तान में हमले कर रहे हैं।
एस्क्रो खाता वह खाता होता है जिसमें पैसा इस शर्त पर जमा करवाया जाता है कि धनराशि का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकेगा जब तक कि पहले से तय शर्तें पूरी नहीं हो जातीं। सैन्य सहायता देने का फैसला ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
पाकिस्तान ने वरिष्ठ अमरीकी अधिकारियों के साथ कम से कम तीन हाई प्रोफाइल बैठकें रद्द कर दी थी। इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ का अमरीकी दौरा भी शामिल था, जिसमें वह विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से मुलाकात करने वाले थे। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने प्रस्ताव पारित कर आरोप लगाया था कि अमरीकी राष्ट्रपति और उनके वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से पाकिस्तान पर दिए गए हाल के बयान शत्रुतापूर्ण और धमकाने वाले हैं। हालांकि अमरीका ने इस बात पर जोर दिया कि वह चाहता है कि पाकिस्तान आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे।