इमरान के लिए चुनौती अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व विश्लेषक और दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ ब्रूस रिडेल ने कहा, इससे पता चलता है कि इस ऑपरेशन के मास्टरमाइंड को आईएसआई का समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि इस हमले के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़ते हैं। इसने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने बहुत बड़ी चुनौती पेश कर दी है। वहीं अमरीका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान को जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी।
अमरीका ने कड़े शब्दों में की निंदा शहीद जवानों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए अमरीकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले की अमरीका कड़े शब्दों में निंदा करता है। पैलाडिनो के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने इस जघन्य कृत्य की जिम्मेदारी ली है। वह सभी देशों से आह्वान करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करें ताकि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह और समर्थन देने से बचा जा सके।
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