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शिकागो: मोहन भागवत के विरोध में जमकर हुई नारेबाजी, समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों की पिटाई की

Published: Sep 10, 2018 02:34:01 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठीं पांच महिलाएं और एक पुरुष अचानक नारेबाजी करने लगे।

mohan bhagwat

मोहन भागवत के विरोध में जमकर हुई नारेबाजी, समर्थकों ने प्रदर्शकारियों की पिटाई की

नई दिल्ली। विवेकानंद के 11 दिसंबर 1893 को दिए ऐतिहासिक भाषण के 125 साल पूरे होने के मौके पर शिकागो में विश्व हिंदू सम्मेलन ने एक कार्यक्रम आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उस समय अजीबों गरीब परिस्थिती उत्पन्न हो गई, जब शनिवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत के भाषण के दौरान मारपीट की घटना सामने आई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भागवत के भाषण के दौरान दर्शक दीर्घा में बैठीं पांच महिलाएं और एक पुरुष आचानक नारेबाजी करने लगे। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने इन प्रदर्शनकारियों की पिटाई शुरू कर दी। बाद में पुलिस प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर ले गई। सभी प्रदर्शनकारी अपने आप को शिकागो साउथ ऐशियन फॉर जस्टिस समूह का सदस्य बता रहे हैं। यह अपने आपको दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फसीवादी के उदय का विरोध करने वाले बताते हैं।
आरएसएस वापस जाओ के नारे लगे

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रविवार की रात को शिकागो के एक होटल में विश्व हिन्दू सम्मेलन चल रहा था। इस दौरान एक छात्रा अपने पांच साथियों के साथ दर्शक बनकर आयोजन स्थल पर बैठ गई। उन्हें ये मालूम था कि नारे के दौरान वहां बैठे संघ समर्थक भड़क जाएंगे। मगर उन्हें इसका अंदाजा नहीं था कि उनकी पिटाई कर दी दी जाएगी। दो—दो के जोड़े में सभी लोग विभिन्न जगहों पर बैठ गए। कुछ देर बाद जब भाषण शुरू हुआ तो ये लोग आरएसएस वापस जाओ के नारे लगाने लगे। वहीं दूसरी ओर बैठे प्रदर्शनकारी भी नारे लगाने लगे कि हम देश में तुम्हें नहीं देखना चाहते हैं। इसे सुनकर वहां मौजूद लोगों ने उनकी पिटाई कर दी।
‘ख्याल रखना’ हिंदू धर्म का प्रमुख तत्व

इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी हिस्सा लिया। हिन्दू धर्म के सच्चे मूल्यों के सरक्षण पर जोर देने की जरूरत पर बोलते हुए नायडू ने कहा कि ऐसे विचारों और प्रकृति को बदलने की जरूरत है जो गलत सूचनाओं पर आधारीत है। उन्होंने कहा कि भारत सार्वभैमिक सहनशीलता में विश्वास करता है। वहीं, उन्होंने हिंदू धर्म के बारे में बताते हुए कहा कि ‘साझा करना’ और ‘ख्याल रखना’ हमारे धर्म का प्रमुख तत्व है।
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